नई दिल्ली। एक अमेरिकी रिसर्च सेंटर के मुताबिक 2050 तक भारत में दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले ज्यादा मुस्लिम आबादी होगी। इस रिसर्च सेंटर का नाम थिंक टैंक प्यू है। प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार अगर इस्लाम इसी रफ्तार से बढ़ता रहा हो तो 2050 के अंत तक वो ईसाई धर्म को भी पीछे छोड़ देगा। फिलहाल दुनिया में सर्वाधिक आबादी ईसाइयों की है।
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प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार मुसलमानों की आबादी बढ़ने के पीछे दो प्रमुख कारण हैं। पहला, मुसलमानों की जनसंख्या वृद्धि दर बाकी धर्मों से ज्यादा है। वैश्विक स्तर पर मुस्लिम महिला के औसतन 3.1 बच्चे होते हैं जबकि बाकी धर्मों का ये औसत 2.3 है।
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मुसलमानों की जनसंख्या ज्यादा बढ़ने का दूसरा कारण है उनकी युवा आबादी। साल 2010 में मुसलमानों की औसत आयु 23 साल थी। जबकि उसी साल गैर-मुसलमानों की औसत आबादी 30 साल थी। युवा आबादी होने का मतलब है मुसलमानों की बड़ी आबादी या तो बच्चे पैदा कर रहे है या भविष्य में करेगी।
प्यू रिसर्च सेंटर ने अपनी रिपोर्ट के आखिर में कहा, 2050 तक मुस्लिम आबादी में 73 फीसदी की वृद्धि होने की उम्मीद है। इस हिसाब से 2050 तक दुनिया में 2.8 अरब मुस्लिम जनसंख्या बढ़ने की संभावना है।