कॉरपोरेट सेक्टर की पहली ट्रेन तेजस एक्सप्रेस 14 नवंबर को यात्री मिलने कारण पहली बार हुई निरस्त

लखनऊ विमानों जैसी सुविधाओ वाली देश की कॉरपोरेट सेक्टर की पहली ट्रेन तेजस एक्सप्रेस का तेज कोरोना में कम होने लगा है। पहली बार इस ट्रेन को यात्री नही मिले, जिस कारण इसको निरस्त करना पड़ा है। तेजस एक्सप्रेस को 14 नवंबर को यात्री नही मिल रहे है। इस ट्रेन में 12 और 13 नवंबर को तो वेटिंग है। लेकिन 14 को ट्रेन खाली थी।

इसे देखते हुए आईआरसीटीसी ने लखनऊ से नई दिल्ली के बीच चलने वाली तेजस एक्सप्रेस को 14 नवंबर को निरस्त कर दिया है। हालांकि इसके बाद भी ट्रेन में डिमांड बहुत कम दिख रही है।।कंप्लीमेंट्री खाना देने पर भी नई दिल्ली से लखनऊ के लिए तेजस एक्सप्रेस की चेयरकार में 15 नवंबर को 598, जबकि 16 को 631 और 18 नवंबर को 662 व 19 नवंबर को 670 सीट खाली चल रही हैं। कुछ ऐसा ही हाल एक्सक्यूटिव क्लास का है। ट्रेन में 15 को 45 और 16 नवंबर को 47 सीट खाली चल रही हैं।।इसी तरह 18 और 19 को 54 सीट खाली पड़ी हैं।

आईआरसीटीसी पहले ही तेजस एक्सप्रेस का एडवांस रिजर्वेशन पीरियड (एआरपी) घटा चुका है। अब 10 दिन का एआरपी रखा गया है। यदि डिमांड कम हुई तो तेजस के संचालन पर इसका असर पड़ सकता है। आईआरसीटीसी इस ट्रेन को आगे भी रद्द कर सकता है। पिछले साल पांच अक्टूबर को नवरात्र पर तेजस को लखनऊ से रवाना किया गया था। यह पहली ट्रेन है जिस पर रेलवे का सीधा नियंत्रण नही है। ट्रेन को।प्राथमिकता पर चलाने के लिए हर कंट्रोल रूम में एक अधिकारी की तैनाती की जाती है। ट्रेन लेट होने पर यात्रियों को मुआवजा और उनकी यात्रा के दौरान घर मे रखे सामान का बीमा देने की व्यवस्था भी है।

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