नोटबंदी और उसके बाद कैशलेश को बढ़ावा देने के सरकार के फैसले का पहला असर पेंशन योजनाओं पर दिखने जा रहा है, प्रदेश सरकार ‘आपकी पेंशन आपके द्वार” योजना बंद करने जा रही है। योजना के तहत सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि लोगों के घर तक पहुंचाई जाती है। शहडोल लोकसभा उपचुनाव से पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शहडोल, अनूपपुर और उमरिया में इसे लागू किया गया था।
इसलिए लागू की गई थी योजना
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहडोल लोकसभा उपचुनाव के वक्त जब लगातार ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया तो पेंशन की राशि चार-पांच महीने देर से मिलने की शिकायतें सामने आईं। इसे देखते हुए डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) योजना को दरकिनार कर नकद पेंशन बांटने का निर्णय लिया गया।
शहडोल, अनूपपुर और उमरिया में पंचायत स्तर पर हितग्राहियों को पंच और कलेक्टर के प्रतिनधि की मौजूदगी में नकद पेंशन बांटी गई। सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रोें में बैंकिंग नेटवर्क ठीक नहीं है, इसलिए पेंशन बांटनेे में परेशानी होती है।
बताया जा रहा है कि नकद पेंशन मिलने से स्थानीय लोग संतुष्ट हैं, इसलिए तय किया था कि तीनों जिलों के नतीजों को देखते हुए इसे पूरे प्रदेश में पंचायत स्तर तक ले जाएंगे, लेकिन उपचुनाव के बाद नोटबंदी का एलान हो गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले कदम के तौर पर कैशलेस सिस्टम को प्रोत्साहित करने का अभियान भी छेड़ दिया।