नई दिल्ली| गणतंत्र दिवस पर उत्तर प्रदेश के कासगंज में दो समुदायों के बीच हिंसा के बाद इलाके में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है. हालात सुधारने के उपायों पर चर्चा के लिये आज शांति समिति की बैठक हुई. वहीं हालात का सामान्य करने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मोर्चा संभाले हुए हैं. उन्होंने आज कासगंज के मुद्दे को लेकर डीजीपी और मुख्य सचिव के बैठक की. वहीं आरोपियों रासुका पर लग सकता है.
इस बीच यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हिंसा में मारे गए युवक चंदन गुप्ता के परिजनों को 20 लाख रुपये की मुआवजा राशि देने का ऐलान किया है. पीड़ित परिवार को सोमवार को यह मदद सौंपी जाएगी.
CM Yogi Adityanath has granted a compensation of Rs 20 Lakh to the bereaved parents of Chandan Abhishek which will be disbursed tomorrow in Kasganj: Principal Secretary Home #KasganjClashes
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 28, 2018
एसपी को निलंबित किया जा सकता है
डीजीपी के साथ बैठक के बाद योगी सरकार कासगंज हिंसा को लेकर बड़ी कार्रवाई करने जा रही है. सूत्रों के मुताबिक डीजीपी मुख्यालय ने कासगंज के एसपी सुनील सिंह को निलंबित करने के लिए शासन को रिपोर्ट भेज दी है. इन पर आरोप है कि वे घटना की सूचना मिलने के बाद घंटों देर से मौके पर पहुंचे, जिससे स्थित काबू से बाहर हो गई.
आईजी अलीगढ़ जोन संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि शहर के हालात को पटरी पर लाने के भरसक प्रयास किये जा रहे हैं. हालांकि रविवार शहर के नदरई गेट इलाके के बाकनेर पुल के पास एक गुमटी में आग लगा दी. आईजी संजीव कुमार का कहना है कि हत्या के आरोप में अब तक 32 लोगों को जेल भेजा जा चुका है. इसके अलावा 51 अन्य को हिरासत में लिया गया है. आईजी ने बताया, ‘हालात पूरी तरह से काबू में हैं. आज (रविवार को) हिंसा की कोई घटना नहीं हुई है. पुलिस बल को हालात पर कड़ी निगरानी रखने के लिए प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है.
32 people have been sent to jail so far under charges of murder. Besides them 51 people have been detained. Situation is completely under control. There was no incident today, police forces have been stationed to keep an eye on the situation: Sanjeev Kumar, IG #KasganjClashes pic.twitter.com/ziLLGJUxSm
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 28, 2018
हालात पर नजर रखने के लिए ड्रोन से निगरानी
डीजीपी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हिंसा काबू में है और स्थिति पर ड्रोन से निगरानी की जा रही है. हालांकि तीसरे दिन भी आगजनी की छिटपुट घटनाएं अभी भी जारी है.
#WATCH: Drones being used in Kasganj by police for vigilance in the light of #KasganjClashes pic.twitter.com/7hn5e4ihhI
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 28, 2018
डीजीपी ने कहा कि घटना के बाद आरोपी राशिद के घर से तलाशी मे देशी बम मिले हैं. पुलिस ने कई देशी बम बरामद किए हैं. हालांकि हालात नियंत्रण में हैं और पिछले 10 घंटे से किसी तरह की हिंसा की कोई खबर नहीं है. तिरंगा यात्रा की इजाजत के बारे में सिंह ने कहा कि गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय पर्व है और उसकी खुशी मनाने के लिये किसी की इजाजत की जरूरत नहीं है. इस बीच, प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कासगंज में हुई घटना को दुखद बताते हुए इसकी निन्दा की. उन्होंने कहा कि जो लोग भी इसके लिये दोषी हैं, उनमें से एक भी व्यक्ति नहीं बख्शा जाएगा.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद हालात की समीक्षा की है. अपराधी चाहे जितना बड़ा या प्रभावशाली हो, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अब हमारे पास कड़े कानून आ गये हैं. यह गड़बड़ी करने वालों के लिये चेतावनी भी है. कुछ लोग लूटपाट कराने और आपसी मतभेद कराने कोशिश कर रहे हैं. दंगे करने वालों के साथ-साथ फसाद की साजिश करने वाले भी दण्डित होंगे.
इस बीच, बसपा अध्यक्ष मायावती ने कासगंज में हुए उपद्रव का जिक्र करते हुए कहा कि सूबे में जंगलराज है. इसका ताजा उदाहरण कासगंज की घटना है जहां हिंसा की आग अब भी शांत नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि खासकर भाजपा शासित राज्यों उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान तथा महाराष्ट्र आदि में अपराध-नियन्त्रण और कानून-व्यवस्था के साथ-साथ जनहित तथा विकास का बुरा हाल है.
सपा उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने कहा कि हमेशा चुनाव के पहले दंगा होता है. मुजफ्फरनगर में भी लोकसभा चुनाव से पहले दंगा हुआ था. कासगंज में भी दंगा हुआ. चुनाव से पहले ही क्यों दंगा होता है. इसकी निष्पक्ष जांच की जानी चाहिये. मालूम हो कि गणतंत्र दिवस पर कासगंज के बड्डूनगर में मोटरसाइकिल रैली निकाले जाने के दौरान दोनों पक्षों के बीच पथराव और गोलीबारी हुई थी, जिसमें एक युवक की मौत हो गयी थी तथा एक अन्य जख्मी हो गया था.
उपद्रवियों ने तीन दुकानों, दो निजी बसों और एक कार को आग के हवाले कर दिया था. प्रशासन ने आज रात दस बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं ताकि सोशल मीडिया के जरिए फैलने वाली अफवाहों को रोका जा सके. जिले की सीमाएं सील कर दी गयी हैं ताकि शांति भंग करने का प्रयास करने वालों को शहर में प्रवेश से रोका जा सके. इस पूरे घटना क्रम में सबसे ज्यादा तीन परिवार के लोग पीड़ित हुए जिनमें चंदन, नौशाद और मोहम्मद अकरम का परिवार है.
चंदन
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा निकाली जा रही तिरंगा बाइक रैली के दौरान हुए संघर्ष में चंदन गुप्ता नाम के युवक की गोली लगने से मौत हो गई थी. चंदन के माता-पिता का कहना है कि वह कंबल बांटने और रक्दान जैसी मुहिमों में हिस्सा लिया करता था. अब चंदन का परिवार न्याय की मांग कर रहा है.
नौशाद
नौशाद मजदूरी का कम करने के बाद घर लौट रहा था, वह भी गोलीबारी की चपेट में आ गया. उसके पैर में एक गोली लगी. अस्पताल में भर्ती नौशाद ने बताया, ‘मैं उस वक्त कुछ नहीं कर सका. जब तक मैं जान पाता, मुझे मेरे पैर में तेज दर्द महसूस हुआ. डॉक्टरों का कहना है कि वह अब खतरे से बाहर है.
मोहम्मद अकरम
लखीमपुर खीरी निवासी मोहम्मद अकरम अपनी कार से कासगंज शहर से होते हुए अपनी गर्भवती पत्नी से मिलने अलीगढ़ जा रहे थे जिनका जल्द ही ऑपरेशन होने वाला था. तभी भीड़ ने उनकी कार पर हमला कर दिया, उन्हें कार से खींच लिया और उनकी आंख निकालने की कोशिश की.
मुख्य चिकित्साधिकारी डाक्टर एहतेशाम ने रविवार को बताया कि शुक्रवार की रात को अलीगढ़ से लखीमपुर खीरी जाने के दौरान हिंसा का शिकार हुए 31 वर्षीय मोहम्मद अकरम की आंख में गम्भीर चोटें लगी थीं. चिकित्सकों के तमाम प्रयासों के बावजूद उसकी आंख नहीं बचाई जा सकी.