भगवान श्रीकृष्ण को केसर से बना रंग लगाकर वृंदावन में परम्परागत होली का आगाज हो गया। इस मौके पर पूरा मथुरा होली केे रंग में डूबा दिखाई दिया। होली सीजन में मथुरा के विभिन्न मंदिर सहित कई जगह पर होली की झलकियां देखेने को मिली।
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श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर बुधवार को रंगभरनी एकादशी के अवसर पर लठामार होली का आयोजन किया गया। ब्रज के साथ राजस्थान, हरियाणा से आए कलाकारों ने मंच पर रसिया और नृत्य के साथ होली के रंग भरे। कार्यक्रम की शुरूआत ब्रज वंदना से हुई।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर आसमान से उड़ते रंग और गुलाल ने संपूर्ण वातावरण को होलीमय कर दिया। हर तरफ रंग ही रंग था। अभी श्रीकृष्ण जन्मस्थान के लीला मंच पर चरकुला नृत्य और फूलों की होली का आनंद बरस रहा था कि रावल से आए हुरियारे और हुरियारिनों की लाठियों की गड़गड़ाहट अचानक सुनाई देने लगी। रंग गुलाल बरसने लगा।
देखते ही देखते कुछ ही पलों में आम और खास सभी होली के रंग में रंग गए। हुरियारिनों की लाठियां हुरियारों पर बरसने लगीं।होली का यह रंग श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर शाम छह बजे तक यूं ही बरसता रहा।
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रंगभरनी एकादशी पर ठाकुर द्वारिकाधीश कुंज में बिराजे और भक्तों ने उनके साथ होली खेली। इस दौरान जमकर गुलाल उड़ाया गया। टेसू और गुलाब के फूलों से महक रहे कुंज में राजभोग दर्शन के बाद हजारों श्रद्धालुओं ने होली खेली। इस दौरान चांदी की पिचकारी से भक्तों पर भी रंग बरसाया गया।
ज न्मस्थान के निकट प्राचीन केशवदेव मंदिर में रंगभरनी एकादशी को लट्ठमार होली हुई। आसपास के घरों से निकली हुरियारिनों ने जमकर होली खेली। इस दौरान जमकर गुलाल उठाया गया। होली के बाद केशवदेव जी के दर्शन भी किए।
वृंदावन के ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में श्रद्धा और भक्ति के साथ ब्रज की प्रसिद्ध होली खेली गई। रंगभरनी एकादशी की पावन वेला में बुधवार शाम की बांके बिहारी महाराज ने भक्तों संग होली खेली। शाम 4:30 बजे मंदिर के पट खुलते ही मंदिर में सेवायत गोस्वामियों ने सबसे पहले सिंहासन पर विराजमान ठाकुरजी की सफेद पोशाक पर स्वर्ण-रजत पिचकारी से केसर से बने रंग को डाला। इसी के साथ वृंदावन में परंपरागत होली का शुभारंभ हो गया।
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होली के दौरान भक्तों पर खचाखच भरें भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान पर मशीन से भक्तों पर गुलाल उड़ाया गया, जिसमें लोग अपनी ही मस्ती में डूबे नजर आएं। होली के रंग में डूबे मथुरा में कई जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। जिसमें राधा व भगवान श्रीकृष्ण की लीला को बताया गया।