आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान की खस्ता हालत अब पूरी दुनिया के सामने है। वह चीन, संयुक्त अरब अमीरात और मलेशिया समेत तमाम देशों के कर्ज तले दब गया है। अब कर्जदार भी अपना पैसा वापस मांगने लगे हैं। इस बीच, कंगाल पाकिस्तान की इमरान सरकार अब राजधानी इस्लामाबाद के सबसे बड़े पार्क को गिरवी रखकर 500 अरब रुपये का कर्ज लेगी। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट से यह जानकारी मिली।
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पार्क को गिरवी रखने का यह प्रस्ताव मंगलवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। एफ-9 पार्क की पहचान पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की बहन ‘मादर-ए-मिल्लत’ (मदर ऑफ नेशन) फातिमा जिन्ना के नाम से है। यह पार्क 759 एकड़ में फैला है। यह पाकिस्तान में सबसे बड़े हरे-भरे इलाके में से एक है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘फातिमा जिन्ना पार्क’ को गिरवी रखने के लिए बैठक वीडियो लिंक के जरिए होगी, जिसे इमरान खान के कार्यालय की ओर से आयोजित किया जाएगा। इस प्रस्ताव पर मंगलवार को चर्चा होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय कंगाली की वजह से इमरान खान सरकार ने संघीय सरकार की संपत्ति एफ-9 पार्क को गिरवी रखेगी। इससे उसे 500 अरब रुपये लोन मिल जाएगा।
इस्लामाबाद की कैपिटल डिवलपमेंट अथॉरिटी ने इस संबंध में पहले ही अनापत्ति प्रमाणपत्र हासिल कर लिया है। इससे पहले भी पाकिस्तान की कई सरकारें विभिन्न संस्थानों और इमारतों को गिरवी रख चुकी हैं, लेकिन इस बार इमरान सरकार मोहम्मद अली जिन्ना की बहन के नाम पर बने पार्क को गिरवी रखने जा रही है।
प्रधानमंत्री इमरान खान ढाई साल सरकार चलाने के बाद भी देश के खस्ता आर्थिक हालात के लिए पिछली सरकारों को जिम्मेदार बता रहे हैं। पाकिस्तान में हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि सरकारी कर्मचारियों को तनख्वाह देने के लिए भी इमरान खान सरकार को जोड़ तोड़ करनी पड़ रही है। पाकिस्तान का सबसे बड़ा ‘दाता’ सऊदी अरब और यूएई अपने कई बिलियन डॉलर के कर्ज को वापस मांग रहे हैं। वहीं, पाकिस्तान के सदाबहार दोस्त चीन भी अब पाकिस्तान को कर्ज देने में आनाकानी कर रहा है।
पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान और मलेशिया के बीच जो दोस्ताना केमेस्ट्री नजर आ रही थी, पाकिस्तान की गरीबी की वजह से उसमें दरार पड़ने लगी है। मलेशिया के स्थानीय कोर्ट की तरफ से दिए गए आदेश के बाद कुआलालंपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) के एक विमान को यात्रियों समेत रोक लिया। मलेशिया ने पीआईए पर बची धनराशि न देने का आरोप लगाया। विमान को एयरक्राफ्ट से जुड़े लीज के मसले की वजह से रोका गया था। हालांकि, बाद में विमान को जब्त कर यात्रियों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया।