ऑडिट रिपोर्ट में मिली काशीपुर निगम में करोड़ों की वित्तीय गड़बड़ी

ऑडिट रिपोर्ट में मिली काशीपुर निगम में करोड़ों की वित्तीय गड़बड़ी

देहरादून: प्रदेश के नगर निकाय मनमाने ढंग से काम कर सरकार को तो लाखों रुपये के राजस्व का चूना लगा ही रहे हैं। साथ में चहेते ठेकेदारों से देर से निर्माण कार्य पूरा करने के लिए जुर्माना वसूल करने से भी कन्नी काट रहे हैं।ऑडिट रिपोर्ट में मिली काशीपुर निगम में करोड़ों की वित्तीय गड़बड़ी

काशीपुर नगर निगम में तो ठेकेदारों से दंड स्वरूप 25.22 लाख रुपये की कटौती नहीं की गई। बगैर टेंडर के ही कार्यादेश जारी कर 31.94 लाख से ज्यादा भुगतान किया। इससे निगम में करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितता हुई। इसी तरह नगर पालिका परिषद मसूरी और मंगलौर में भी नियमों को ताक पर रखकर करोड़ों का चूना सरकार को लगाया गया है। 

नगर निगम काशीपुर 

नगर निगम काशीपुर की वर्ष 2015-16 की ऑडिट रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि निगम ने सभी प्रकार के दैनिक वेतन, मानदेय, संविदा, तदर्थ नियुक्तियों पर प्रतिबंध के बावजूद कुल 118 संविदा कर्मचारियों के वेतन में 1.91 करोड़ खर्च कर डाले।  बगैर पुष्ट किए ही डीजल व पेट्रोल मद में 11.02 लाख रुपये फूंके गए हैं। इसीतरह निगम को फर्मों से अर्थदंड वसूल न करने से 21,100 रुपये की आर्थिक क्षति उठानी पड़ी। इसीतरह बगैर टेंडर के कार्यादेश जारी कर 31,94,092 रुपये का भुगतान किया गया। 

नगरपालिका परिषद मसूरी 

मसूरी नगर पालिका की वर्ष 2016-17 की ऑडिट रिपोर्ट विभिन्न स्तरों पर बरती गई वित्तीय अनियमितता और ठेकेदारों से विभिन्न वसूली में बरती गई लापरवाही की तस्दीक कर रही है। रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि पालिका ने विभिन्न ठेकों से 2.39 करोड़ की लंबित धनराशि वसूल नहीं की। ईको शुल्क ठेके के आयकर की 60 हजार की राशि को अनियमित रूप से पालिका निधि से जमा कराया गया। रोपवे संचालन के लिए ठेकेदार से आयकर के 1.80 लाख रुपये वसूल नहीं किए जा सके। 

ठेके के अनुबंध के मुताबिक ब्याज न लगाने से इस निकाय को 46.64 लाख की आर्थिक क्षति हुई। वहीं ब्याज की दर अनियमित रूप से कम अंकित किए जाने से ठेकेदार को 10.73 लाख का लाभ पहुंचाने का खुलासा किया गया है। पालिका ने मैसानिक लॉज पार्किंग निर्माण कार्य अधूरा रहने से 47.43 लाख का खर्च व्यर्थ होकर रह गया। 63.38 लाख से खरीदी गई सफाई सामग्री, विद्युत सामग्री एवं उपकरण में प्रोक्योरमेंट नियमों का उल्लंघन कर बगैर ई-निविदा के ही काम किया गया। 

पालिका ने अनुदानों पर प्राप्त ब्याज की 41.29 लाख की राशि शासन को वापस नहीं की। निर्धारित दर से स्टांप शुल्क पर अनुबंध नहीं किए जाने से सरकार को 7.42 लाख राजस्व की हानि हुई। 

नगरपालिका परिषद मंगलौर

पालिका क्षेत्र में विद्युत पोल व उपकरण खरीद में प्रोक्योरमेंट नियमों का उल्लंघन कर 5.82 लाख का अनियमित खर्च किया गया। पालिका ने विभिन्न वार्डों में 100 स्ट्रीट लाइट के लिए 121 से अधिक विद्युत पोलों लगाने का काम बगैर बोर्ड की मंजूरी से कर 30.25 लाख की वित्तीय अनियमितता की। ठेकेदारों के देयकों से 1.63 लाख रायल्टी की कटौती न कर पालिका को आर्थिक क्षति उठानी पड़ी। 25 वाट एलइडी, 72 वाट कंपलीट फिटिंग और स्ट्रीट लाइट मेंटेनेंस उपकरण खरीद में नियमों को धता बताकर 18.65 लाख का अधिक भुगतान किया गया।

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