उत्तर प्रदेश के उन्नाव के असोहा थाना क्षेत्र के बबुरहा गांव में खेत से नाबालिग बुआ और भतीजी की संदिग्ध हालत में लाश मिलने से हड़कंप मच गया है. दरअसल, चारा लेने के लिए बुआ और दो भतीजी खेत में गई थीं. तीनों खेत में बेहोशी की हालत में मिली. तीनों को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां दो को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
वहीं, दूसरी भतीजी की हालत नाजुक है. उसका इलाज कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में चल रहा है. लड़कियों के गांव में तनाव है. एहतियात के तौर पर गांव के अलावा जिला अस्पताल में भारी पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है. पीड़िता की मां के मुताबिक, लड़कियों के मुंह से झाग निकल रहा था. पुलिस 6 टीमें बनाकर मामले की तफ्तीश कर रही है. वहीं, परिवार ने सीबीआई जांच की मांग की है.
इस बीच इलाके के लोग गांव में धरने पर बैठ गए हैं. इनकी मांग है कि परिवार वालों को थाने में ना बैठाया जाए, परिवार को इंसाफ़ दिया जाए. लोगों का आरोप है कि परिवार को किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा है. हालांकि, उन्नाव पुलिस ने ट्वीट करके इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.
असोहा थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत पाठकपुर के मजरे बबुरहा में कल लगभग दोपहर 3:00 बजे के करीब बुआ और भतीजी खेत में पशुओं के लिए हरा चारा लेने गई थी, लेकिन देर शाम तक घर नहीं लौटीं. शाम में परिजन लड़कियों को खोजने के लिए निकले. परिजनों के मुताबिक, खेत में तीनों लड़कियां कपड़े से बंधी मरणासन्न हालत में मिली थी.
जान गंवाने वाली बुआ और भतीजी का आज पोस्टमार्टम होगा. इसके लिए तीन सदस्यीय डॉक्टरों का पैनल बनाया गया है. पोस्टमार्टम से ही पता चलेगा कि क्या वाक़ई में ज़हरीला पदार्थ खाने या खिलाने से मौत हुई या फिर मौत की कोई और वजह है. परिवार समेत गांव के तमाम लोगों से पूछताछ हो रही है. इलाक़े में कोई सीसीटीवी नहीं है, क्योंकि खेत वाला इलाक़ा है.
परिवार के लोगों के बयान में विरोधाभास है, इसलिए पुलिस इस लिहाज़ से भी देख रही है कि क्या अलग-अलग वक्त पर लोगों के पहुंचने की वजह से बयानों में चेंज है या फिर परिवारवाले कहीं शामिल है. पुलिस ने पूरे खेत को घेर दिया है. फ़ॉरेंसिक की टीम सबूत जुटाकर ले गई है, जिससे की घटना के बारे में पता चल सके.
उन्नाव के एसपी के मुताबिक, इस मामले में जांच चल रही है. अभी एक लड़की की मां के द्वारा यह बताया गया है कि उन लड़कियों के हाथ पांव नहीं बंधे थे, जबकि एक लड़की के चाचा ने कहा कि लड़कियों के हार-पैर बंधे थे, हम सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं. पूरी जांच के बाद सारी बात सामने आ जाएगी.
वारदात वाली जगह पर पुलिसकर्मियों की तैनाती
ज़िंदा बची लड़की का बयान बेहद महत्वपूर्ण है, उसी के ज़रिये पता चल सकता है कि आख़िर क्या हुआ था. बेहद गम्भीर हालत में लड़की कानपुर में भर्ती है, सुबह से उसने एक बार सिर्फ आंख खोली है. कुछ भी बताने की हालत में नहीं है. मौके पर पुलिस के आला अफसर मौजूद हैं. विपक्ष की ओर से लड़की को एम्स में भर्ती कराए जाने की मांग की जा रही है.
इस बीच इस घटना पर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है. विपक्ष ने योगी सरकार पर हमला बोल दिया है. समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, भीम आर्मी समेत कई राजनीतिक दलों ने दोषियों पर कार्रवाई की मांग के साथ ही जिंदा बची लड़की को दिल्ली एम्स में भर्ती करने की मांग की है.
आप नेता संजय सिंह ने कहा, ‘कब तक चुप रहोगे? आज उन्नाव है, कल तुम्हारा जिला होगा, आज उनका गांव है, कल तुम्हारा होगा, आज दलित बेटियाँ पेड़ों से बंधी मिल रही हैं कल तुम बंधे मिलोग, याद रहे, मूक दर्शक बन कर बर्बादी का तमाशा देखने वालों को इतिहास कायर कहता है, डराओ, धमकाओ, मुकदमा करो, मैं बेटियों के साथ हूं.’
वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा, ‘उन्नाव में तीन बेटियों साथ हुई बर्बरता ने देश को हिलाकर रख दिया है. यूपी में बेटी होना अभिशाप हो गया है, एक के बाद एक जिले में बेटियों के साथ बर्बरता, उन्नाव में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति योगी सरकार के निकम्मेपन का प्रमाण है, मुख्यमंत्री को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.’
समाजवादी पार्टी ने कहा, ‘बेटियों के लिए काल बन चुके भाजपा शासित यूपी में सत्ता संरक्षित नृशंस अत्याचार की एक और विचलित कर देने वाली घटना का केंद्र बना उन्नाव! जंगल में पेड़ से बांध कर दो दलित लड़कियों की हत्या, एक अति गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती, अत्यन्त दुखद! दरिंदों को कठोरतम सजा दिला हो न्याय.