उत्तराखंड: कांग्रेस निकायों में बढ़ाएगी भाजपा की मुश्किलें
उत्तराखंड: कांग्रेस निकायों में बढ़ाएगी भाजपा की मुश्किलें

उत्तराखंड: कांग्रेस निकायों में बढ़ाएगी भाजपा की मुश्किलें

देहरादून: कांग्रेस नगर निकाय की चुनावी जंग को रोचक बनाने जा रही है। सत्तारूढ़ भाजपा को कड़ी टक्कर देने के लिए पार्टी बड़े चेहरों पर भी दांव खेलने की तैयारी में है। खासतौर पर नगर निगमों के साथ ही जिला मुख्यालयों की नगरपालिकाओं में भाजपा को कड़ी टक्कर के लिए हर मुमकिन दांव को आजमाया जाएगा।उत्तराखंड: कांग्रेस निकायों में बढ़ाएगी भाजपा की मुश्किलें

नगर निकाय चुनाव प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के लिए कई मायनों में प्रतिष्ठापूर्ण बन चुका है। इस चुनाव में पार्टी को सत्तारूढ़ दल भाजपा को विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त का जवाब तो देना ही है, साथ में यह चुनाव प्रदेश कांग्रेस के नए मुखिया प्रीतम सिंह के नेतृत्व के लिए भी किसी चुनौती से कम साबित होने नहीं जा रहे हैं।

इस चुनाव को अगले वर्ष 2019 के आम चुनाव के सेमीफाइनल के रूप में भी लिया जा रहा है। इन सब वजहों से पार्टी ने निकाय चुनाव को लेकर कमर कस ली है।  कांग्रेस की निगाहें अहम नगर निगमों पर भी जमी हुई हैं। देहरादून, काशीपुर, रुद्रपुर, हल्द्वानी के साथ ही हरिद्वार जिले के दोनों नगर निगमों हरिद्वार और रुड़की के लिए दमदार चेहरों को आगे लाने की कवायद चल रही है।

इसके साथ ही पिथौरागढ़, रामनगर, नैनीताल, अल्मोड़ा, पौड़ी, टिहरी समेत जिला मुख्यालयों की बड़ी नगरपालिकाओं पर कांग्रेस ने नजरें गड़ा दी हैं। निगमों और पालिकाओं में कांग्रेस पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों के साथ बीते वर्षों में पार्टी में अपना मुकाम बनाने में कामयाब रहे नए चेहरों पर दांव खेलने की रणनीति पर मंथन कर रही है। 

कांग्रेस की इस रणनीति के पीछे निकायों में भाजपा के लिए एंटी इनकंबेंसी फैक्टर और अंतर्कलह का फायदा उठाना है। सीटों पर चुनाव लडऩे की तमाम कला से वाकिफ दमदार चेहरों को आगे कर भाजपा की उलझन को बढ़ाने पर फोकस किया गया है। इस रणनीति के तहत ही पूर्व मंत्री भी निगमों के लिए दावेदारी पेश करते हुए आगे आने लगे हैं। 

देहरादून नगर निगम मेयर पद के लिए पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल के साथ पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट प्रमुख दावेदारों में शुमार हो गए हैं। पार्टी आरक्षण की स्थिति पर भी नजर रखे हुए है। अनुसूचित जाति के उक्त सीट आरक्षित होने पर पूर्व विधायक राजकुमार, ओबीसी के लिए आरक्षित होने पर पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशोक वर्मा पर भी दांव खेला जा सकता है। नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष नीनू सहगल को भी दावेदार के तौर पर लिया जा रहा है। कमोबेश इसी तर्ज पर अन्य नगर निगमों व पालिकाओं के लिए चार-चार नामों का पैनल तैयार किया जा रहा है। इन पैनलों के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह खुद भी फीडबैक ले रहे हैं। 

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