
डेवलपर्स ने किया है बैंकों से टाईअप
डेवलपर्स ने पिछले साल की तरह इस बार भी बैंकों से टाईअप किया है। फेस्टिव सीजन को देखते हुए बैंक और एनबीएफसी कंपनियों ने होम लोन पर कई तरह के ऑफर निकाल रखे हैं। लेकिन तब भी मार्केट में किसी तरह का कोई बूम नहीं दिख रहा है।
ये हैं मार्केट में सुस्ती का कारण
जिन वजह से मार्केट में सुस्ती बनी हुई है, उनमें डेवलपर्स द्वारा पुराने लंबित प्रोजेक्ट्स को पूरा नहीं करना प्रमुख कारण रहा है। अभी भी कई नामचीन डेवलपर्स के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में मुकदमे चल रहे हैं। इसके बाद नोटबंदी, रेरा कानून का लागू होना दूसरी सबसे बड़ी वजह बन कर उभरा है। हालांकि रेरा के तहत नए प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए पहले से टाइमलाइन बनी हुई है। तीसरी वजह जीएसटी है, जिससे कीमतों में थोड़ा सा उछाल आया है।
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अर्फोडेबल हाउसिंग में दिख रही है ग्रोथ
पीएम मोदी द्वारा पिछले साल अर्फोडेबल हाउसिंग को बल देने के लिए लोन पर सब्सिडी देने की घोषणा से इस सेगमेंट में ग्रोथ दिख रही है। सिग्नेचर ग्लोबल के चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि इस सीजन में सबसे ज्यादा ग्रोथ इसी सेगमेंट में दिखेगी,क्योंकि मार्केट फिर से सुधर गया है। पिछले साल के मुकाबले होम लोन की दर कम है और इस सेगमेंट में सब्सिडी मिलने के कारण यह और सस्ता पड़ रहा है। अग्रवाल को उम्मीद है कि अर्फोडेबल हाउसिंग में सबसे ज्यादा खरीददार देखने को मिलेंगे। हम पिछले कई सालों के मुकाबले इस साल काफी अच्छा सीजन देखने को मिलेगा।
रेरा से पड़ा अच्छा असर
गौड़संस के चेयरमैन मनोज गौड़ ने कहा कि रेरा के आने से मार्केट में अच्छा प्रभाव देखने को मिल रहा है। इससे निवेशकों के मन में अच्छा माहौल देखने को मिल रहा है। फिलहाल उनके पास काफी संख्या में बायर्स पूछताछ के लिए आ रहे हैं और मकान खरीदने के इच्छुक हैं।
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