किसी समय में थायराइड का रोग बहुत ही कम लोगों में देखा जाता है। जबकि आज आलम ये है कि ये रोग हर दूसरे आदमी को हो रहा है। जब कोई व्यक्ति थायराइड नामक रोग से जूझता है तो थायराइड ग्रंथि के ठीक से काम न करने से रक्त में थायराक्सिन नामक हार्मोन का स्तर पर प्रभाव पड़ता है। इस प्रभाव को दो श्रेणी हाइपरथायराइडिज्म और हाइपोथायाराइडिज्म में रखा जाता है। आज हम आपको थायराइड से बचने के कुछ घरेलू नुस्खे बता रहे हैं।
अलसी है रामबाण
थायराइड नामक रोग से निजात पाने के लिए अलसी रामबाण नुस्खा है। अलसी में भरपूर मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है। यह एसिड थायरायड ग्रंथि के सही तरीके से काम करने में आवश्यक भूमिका निभाता है। हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित लोगों को अलसी और अलसी के तेल का प्रयोग जरूर करना चाहिए।
अखरोट
अखरोट को भी थायराइड का सफाया करने के लिए काफी फायदेमंद कहा जाता है। साथ ही सीफूड के अलावा काले अखरोट को आयोडीन का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। आयोडीन एक आवश्यक पोषक तत्व है जो थायराइड ग्रंथि के स्वास्थ्य और कामकाज को ठीक रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
मुलेठी
मुलेठी का उपयोग खांसी के लिए अक्सर किया जाता है। लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं कि मुलेठी थायराइड ग्लैंड में संतुलन बनाने का काम भी करता है। जिससे थायराइड के मरीजों में होने वाली थकान एनर्जी में बदलती है। इसके अलावा मुलेठी में पाया जाने वाला प्रमुख घटक ट्रीटरपेनोइड ग्लाइसेरीथेनिक एसिड अत्यधिक आक्रामक होता है जो थायराइड कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है।
गेहूं
गेहूं प्रकृति की अनमोल देन है। इसमें अनेक औषधीय और रोग निवारक गुण पाए जाते हैं। गेहूं रक्त व रक्त संचार संबंधी रोगों, रक्त की कमी, उच्च रक्तचाप, सर्दी, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, साइनस, पाचन संबंधी रोग और थायराइड ग्रंथि के रोग में काम आता है।