इलाहाबाद। शिक्षा महकमा अभी बेसिक शिक्षा की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती विवाद से उबर नहीं पाया है। अब माध्यमिक शिक्षा की 10788 एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में अर्हता का पेंच फंस गया है। जो अभ्यर्थी लिखित परीक्षा होने से योगी सरकार का गुणगान कर रहे थे, उनमें से अधिकांश भर्ती के लिए आवेदन ही नहीं कर सकेंगे। कला और विज्ञान दोनों वर्ग के हजारों अभ्यर्थी नई अर्हता के कारण बाहर हो रहे हैं।
प्रदेश के राजकीय माध्यमिक कालेजों में प्रशिक्षित स्नातक यानि एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए दिसंबर 2016 में विज्ञापन निकला। यह भर्तियां मेरिट के आधार पर होनी थी। योगी सरकार ने इस भर्ती को लिखित परीक्षा से कराने का निर्णय किया। इस प्रावधान से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी खुश हुए। गुरुवार को उप्र लोकसेवा आयोग से जारी हुए विज्ञापन में अर्हता से विरोध हो रहा है। विज्ञापन में हिंदी पुरुष के 696 व हिंदी महिला के 737 सहित कुल 1433 पद हैं।
इस पद के लिए वही आवेदन कर सकेगा जिसने हिंदी से स्नातक और इंटर में संस्कृत से पढ़ाई की हो। ऐसे में हिंदी से स्नातक वे अभ्यर्थी बाहर हो रहे हैं, जिन्होंने इंटर विज्ञान वर्ग से उत्तीर्ण किया है। वहीं, कला वर्ग के वे भी अभ्यर्थी बाहर हो रहे हैं जिन्होंने इंटर में संस्कृत नहीं पढ़ी। अभ्यर्थियों ने पहले 14 मार्च को व शुक्रवार को आयोग सचिव से मिलकर विरोध किया है।
कंप्यूटर शिक्षक के लिए बीएड
शिक्षक भर्ती में पहली बार कंप्यूटर शिक्षक नियुक्त होने हैं। पुरुष के 898 व महिला के 775 सहित कुल 1673 पद हैं। इस भर्ती की अर्हता देखकर अभ्यर्थी परेशान हैं। कंप्यूटर शिक्षक के लिए विश्वविद्यालय से बीटेक व बीई, कंप्यूटर विज्ञान से स्नातक आदि मांगा गया है। ऐसे अभ्यर्थी बड़ी संख्या में हैं, लेकिन बीटेक कर रखा है। उसके साथ बीएड करने वालों की संख्या बहुत कम है। मांग हो रही है कि इसमें बीएड की अनिवार्यता खत्म हो।
विज्ञापन 2016 का, आयु गणना 2018 से
शिक्षक भर्ती का यह विज्ञापन 26 दिसंबर 2016 को 9342 पदों के लिए आया। इसके लिए करीब पांच लाख से अधिक आवेदन हुए। इसी भर्ती में अब तक के रिक्त पद जोड़े जाने से वह बढ़कर 10788 हुए हैं। उस समय आवेदन करने वाले हजारों अभ्यर्थी नए विज्ञापन में दावेदारी नहीं पा रहे हैं, क्योंकि 2018 से आयु गणना होने से वह तय उम्र पार कर चुके हैं। उनका कहना है कि सरकार का लिखित परीक्षा का कदम स्वागत योग्य है, लेकिन पुराने विज्ञापन से आयु गणना व पुराने आवेदनों को मान्य करने में क्या परेशानी है।
आदेश मिले तो करेंगे संशोधन
आयोग सचिव जगदीश ने अभ्यर्थियों से कहा है कि अर्हता संशोधन सामान्य प्रक्रिया है। शिक्षा निदेशक व शासन के सचिव आदेश दें तो वह संशोधन कर देंगे। विज्ञापन शिक्षा निदेशालय से मिला है, बदलाव वही करेंगे।