छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास व उनकी रिहाई में शामिल प्रतिनिधिमंडल का सम्मान किया। उन्हें नक्सलियों ने तीन अप्रैल को अगवा करने के बाद आठ अप्रैल को रिहा किया था। बता दें जवान की रिहाई में मध्यस्थों की टीम ने बड़ी भूमिका निभाई थी।
मध्यस्थों की टीम के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान राकेश्वर सिंह सोमवार को रायपुर में सीएम हाउस पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री ने सभी लोगों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान मन्हास को शॉल पहनाया और श्रीफल भेंट किया।
मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, ‘जब हमने जगदलपुर का दौरा किया, तब राकेश्वर की मां ने मुझे अपने बेटे को सुरक्षित वापस लाने के लिए कहा था। आज मुझे खुशी है कि हम उसे वापस लाने में सफल रहे। इस ऑपरेशन में पत्रकारों और अन्य सभी अधिकारियों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण थी। मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूं।’
वहीं, कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास ने कहा, ‘सात अप्रैल को मुझे पता चला कि एक प्रतिनिधिमंडल मुझे वापस लेने के लिए आ रहा है। नक्सलियों ने आठ अप्रैल को मुझे एक जन अदालत के बाद में रिहा कर दिया।’
बताते चलें कि तीन अप्रैल को बीजापुर मुठभेड़ के दौरान कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह बेहोश हो गए थे। उसके बाद नक्सलियों ने उन्हें अपने कब्जे में ले लिया था। अगले दिन नक्सलियों ने दावा किया था कि वह हमारे कब्जे में हैं। उसके बाद सरकार की तरफ से रिहाई के लिए कवायद शुरू की गई थी। जवान को आठ अप्रैल को जनअदालत लगाकर नक्सलियों ने छोड़ दिया था।