वाशिंगटन, अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर एक बार फिर जोर पकड़ता नजर आ रहा है। चीन की पांच कंपनियों को अमेरिका ने बैन कर दिया है। अमेरिका ने चीन की इन पांच कंपनियों पर मानवाधिकारों का हनन करने का आरोप लगाया है। बता दें कि इससे पहले भी अमेरिका द्वारा कई चीनी कंपनियों को बैन किया जा रचुका है।
विदेश नीति के तहत अमेरिका ने शिंजियांग जीसीएल न्यू एनर्जी मैटेरियल टेक्नोलॉजी, शिंजियांग दाको न्यू एनर्जी, शिंजियांग ईस्ट होप नॉनफेरस मेटल्स, होशाइन सिलिकॉन इंडस्ट्री (शानशान) और शिंजियांग प्रोडक्शन एंड कंस्ट्रक्शन कॉर्प्स पर कार्यवाही की है। अमेरिकी सरकार ने पाया कि ये पांच कंपनियां धार्मिक और जातीय आधार पर अल्पसंख्यकों के साथ मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रही है। इसमें दमन, जबरन श्रम और उच्च तकनीक निगरानी के अभियान शामिल है।
इससे पहले भी अमेरिका ने सैन्य-औद्योगिक क्षेत्र से जुड़ी चीन की 28 कंपनियों को बैन कर उनमें अमेरिकी निवेश से रोक दिया था। अमेरिकी सरकार द्वारा ब्लैकलिस्ट चीनी कंपनियों में टेलीकॉम, कंस्ट्रक्शन और टेक्नोलॉजी सेक्टर की कंपनियां शामिल थी। इसके बाद चीनी सरकार ने अमेरिकी सरकार के ब्लैकलिस्ट के खिलाफ विरोध जताया था।
आपकों बता दें कि भारत ने भी चाइना के करीब 267 ऐप को बैन कर दिया था। भारत सरकार ने इन ऐप्स पर संप्रुभता और सुरक्षा को खतरा बताते हुए प्रतिबंध लगाया था। साथ ही भारत सरकार ने चीनी निवेश पर भी नियम कड़े कर दिए है। भारत सरकार ने 29 जून 2020 को 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया था, फिर 28 जुलाई 2020 को 47 ऐप्स और फिर 2 सितंबर को 118 और 24 नवंबर को 43 ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया था।
चीन और अमेरिका के संबंध पहले से ही खराब चल रहे है। दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर के अलावा कोरोना वायरस और अन्य मुद्दों पर टकराव चल रहा है। ऐसे में अमेरिका का पांच और चीनी कंपनी पर प्रतिबंध लगने पर दोनों देशों के रिश्तों में और भी दरार आ सकती है।