केंद्र सरकार ने रविवार को कहा कि केरल, तमिलनाडु और लक्षद्वीप पर भारी तबाही मचाने वालेचक्रवात ‘ओखी’ को राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं किया जा सकता है। हालांकि केंद्र ने स्थिति से निपटने के लिए प्रभावित राज्यों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है।
केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन के साथ उच्च स्तरीय बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अल्फोंस कन्ननथनम ने संवाददाताओं को बताया कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को आवश्यक राहत राशि पहले ही दे दी है। चक्रवात ‘ओखी’ को राष्ट्रीय आपदा घोषित किए जाने की मांग संबंधी राज्य सरकार का ज्ञापन हमें प्राप्त हुआ है। लेकिन केंद्र के पास इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं है।
गौरतलब है कि केरल, तमिलनाडु, लक्षद्वीप में आए इस चक्रवात की वजह से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। इससे श्रीलंका में 13 लोगों की मौत हुई है। वहीं भारत में तटीय इलाकों से बड़ी संख्या में लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है जबकि कई मछुआरे लापता हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अभी भी केरल के 90 मछुआरों को तट पर वापस लाया जाना बाकी है।
उल्लाल के तटीय इलाकों पर टूटा ‘ओखी’ का कहर, भारी नुकसान
चक्रवात ‘ओखी’ ने कर्नाटक के उल्लाल शहर में जमकर कहर बरपाया है। उल्लाल के तट के नजदीक बीते दो दिन में तेज लहरों के कारण तीन भवन क्षतिग्रस्त हो गए हैं जबकि एक निजी रेस्तरां की दीवार ढह गई है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि तेज लहरों के कारण तटीय इलाकों में संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा है।
321 और मछुआरे महाराष्ट्र के तट पर पहुंचे
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को बताया कि चक्रवात ‘ओखी’ की वजह से समुद्र में फंसे और 321 मछुआरों को बचा लिया गया है। ये मछुआरे 28 से अधिक नावों पर सवार होकर राज्य के रत्नागिरी तट पर पहुंचे हैं। बता दें कि इससे पहले उन्होंने शनिवार को ट्वीट कर बताया था कि राज्य के तट पर कुल 68 नावें पहुंची हैं जिनमें 66 केरल की और दो तमिलनाडु की हैं। इन नावों पर सवार 952 मछुआरे सिंधुदुर्ग तट पर पहुंचे थे।