आर्टिकल 35A: चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच जम्मू कश्मीर में लागू आर्टिकल 35A को भंग करने के लिए दायर की गई एक याचिका की सुनवाई करगी। यह याचिका ‘वी द सिटिजन’ नाम के एक एनजीओ ने दायर की थी। उन्होंने कहा था कि आर्टिकल 35A और आर्टिकल 370 से जम्मू कश्मीर को जो विशेष दर्जा मिलता है वह भारत के बाकी लोगों के साथ भेदभाव की तरह है।
दरअसल कश्मीर के नागरिकों को मिले विशेषाधिकार की वजह से बाहर के लोग वहां जमीन नहीं खरीद सकते, ना ही हमेशा के लिए बसने जा सकते। इतना ही नहीं बाहर के लोग राज्य सरकार की स्कीमों का लाभ नहीं उठा सकते और ना ही सरकार के लिए नौकरी कर सकते हैं।
केरल ‘लव जिहाद’: चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली ही बेंच आज केरल के बहुचर्चित ‘लव जिहाद’ केस की सुनवाई करेगी। यह याचिका हदिया के पति द्वारा केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर की गई है, जिसमें उसकी शादी कैंसल कर दी गई थी।
इस केस में अखिला नाम की 24 साल की लड़की ने अपने परिवार के खिलाफ धर्म बदलकर शफीन जहान से शादी कर ली थी। अखिला ने पिता जो कि आर्मी से रिटायर हैं वह उस शादी के खिलाफ केरल हाईकोर्ट पहुंचे थे, हाईकोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाकर अखिला को उनके साथ घर भेज दिया था।