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सॉफ्टबैंक ने स्नैपडील को तीन विकल्प दिए हैं। या तो वो फिल्पकार्ट के साथ विलय करे या पेटीएम से जुड़े या फिर सॉफ्टबैंक का निवेश शून्य कर दे। इस विलय में स्नैपडील की दूसरी बड़ी निवेशक अमेरिकी कंपनी टाइगर ग्लोबल अपने हिस्सेदारी का करीब 10 प्रतिशत हिस्सा बेच सकती है, लेकिन विलय के बाद बनने वाली नई कंपनी से ये अलग नहीं होगी। सूत्रों के अनुसार अप्रैल के अंत तक दोनों कंपनियों में विलय हो सकता है। आपको बता दें कि मार्केट में बढ़ रही कड़ी प्रतिस्पर्धा और निवेशकों के साथ न देने से स्नैपडील कंपनी बुरी स्थिति से गुजर रही है। हालांकि कंपनी विलय की बात तो हमेशा से नकारती आ रही है मगर स्थिति अभी भी सुधरी नहीं है। मौजूदा हालत में ये विलय संभव ही दिखाई पड़ रहा है।
अप्रैल में स्नैपडील और फ्लिपकार्ट में विलय संभव
ई-रिटेलर वेबसाइट स्नैपडील और फ्लिपकार्ट के बीच विलय हो सकता है। स्नैपडील की सबसे बड़ी निवेशक जापानी कंपनी सॉफ्टबैंक इस विलय के लिए कोशिशों में लगी हुई है। इस विलय के बाद सॉफ्टबैंक नई कंपनी में करीब 1.5 अरब डॉलर का निवेश कर सकती है। आपको बता दें कि अभी सॉफ्टबैंक स्नैपडील का सबसे बड़ा निवेशक है। इसके पास स्नैपडील के 30 प्रतिशत से भी ज्यादा शेयर हैं। जिनके मूल्य करीब 6.5 अरब डॉलर के है। इस विलय के बाद नई कंपनी के शेयर सॉफ्टबैंक के पास और बढ़ सकते हैं।