दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली के लोगों को एक खुला पत्र लिखा। इसमें राष्ट्रीय राजधानी को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की अपनी मांग का जिक्र किया गया है। केजरीवाल ने अपने खुले पत्र में दिल्लीवासियों से अपने बच्चों के भविष्य की खातिर लड़ने की अपील की है। 
केजरीवाल ने ऐसे समय में यह खुला पत्र लिखा है जब वह इस मुद्दे पर कल (रविवार) इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं को संबोधित करने वाले हैं। ‘आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल बेंगलूर के एक संस्थान में 10 दिनों की प्राकृतिक चिकित्सा कराकर दिल्ली लौटे हैं।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के लोगों द्वारा एक सरकार चुनने के बावजूद उप-राज्यपाल दिल्लीवासियों के कल्याण से जुड़े मुद्दों पर फैसला करते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के पास कोई ताकत नहीं है, जिसका मतलब है कि दिल्लीवासियों के वोट की कीमत ‘जीरो’ है। उन्होंने कहा कि यह दिल्लीवासियों का अपमान है, क्योंकि वे राष्ट्रीय राजधानी में सीसीटीवी कैमरे लगवाना चाहते हैं। वे मोहल्ला क्लीनिक , स्कूल और राशन चाहते हैं, लेकिन उपराज्यपाल ऐसा होने नहीं देंगे।
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जिस तरह दिल्ली के लोगों का शोषण कर रही है, उस तरह तो अंग्रेजों ने भी उनका शोषण नहीं किया। उन्होंने कहा कि हर साल केंद्र सरकार दिल्लीवासियों से आयकर के तौर पर 13,000 करोड़ रुपए वसूलती है। इस रकम में से मात्र 325 करोड़ रुपए दिल्ली के विकास पर खर्च किए जाते हैं। उन्होंने पूछा कि क्या दिल्लीवासी यूं ही जूझते रहेंगे और चुप रहेंगे।
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