क्या है यह बिल
केंद्रीय कैबिनेट ने अभी हाल ही में फाइनेंशियल रेजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इन्श्योरेंस बिल (FRDI) के नए संशोधित ड्रॉफ्ट को पास कर दिया है और इसे संसद में पेश करने की तैयारी है। दोनों सदनों में बहुमत होने के कारण ये बिल आसानी से पास हो जाए, इस बात की पूरी गारंटी है। इससे पहले इसे मानसून सत्र में पेश किया गया था, लेकिन तब जेपीसी के पास नए सुझावों के लिए भेज दिया गया था।
अगर सरकार को लगा कि आपकी एक लाख से ऊपर जमा पूरी राशि को बैंकों का एनपीए कम करने में इस्तेमाल हो सकता है, तो फिर आप अपने खाते से राशि को कम से कम पांच साल के लिए निकाल नहीं पाएंगे।
कंपनियों की फांस आम आदमी के गले में
देश के ज्यादातर बैंक कंपनियों द्वारा तैयार किए गए एनपीए के कारण परेशान हैं। इस एनपीए घाटा को कम करने के लिए सरकार और बैंक दोनों काम कर रहे हैं, लेकिन इसमें फिलहाल सफलता नहीं मिल रही है।
हालांकि अभी तक आम आदमी के जमा पैसों का इसके लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता है। लेकिन अब इस बिल के जरिए यह कोशिश की जा रही हैं कि बैंकों को जो कंपनियों ने एनपीए की फांस दी है, उसको आम आदमी के गले में भी डाला जाए।
अब अगर भविष्य में कोई बैंक एनपीए के कारण डूबता है, तो उस बैंक के सभी तरह के डिपॉजिट सरकार अपनी कस्टडी में लेकर के बैंक को दिवालिया होने के बाद खड़ा करने में इस्तेमाल करेगा।