लोगों के मन में किसी न किसी चीज को लेकर अक्सर भय बना रहता है, जिसे वो फोबिया का नाम देते हैं। फिर चाहे ये फोबिया किसी अंधेरे से हो,ऊंचाई से या फिर अकेलेपन से । ये डर धीरे-धीरे कब उनके दिल में घर कर लेता है इस बात का पता खुद उन्हें भी पता नहीं चलता। जिसके बाद लोग उसे दूर करने की जगह इससे बचने के उपाय खोजते रहते हैं।
भीड़ का फोबिया
कुछ लोग अकेले रहना इतना पसंद करते हैं कि जरा सी भीड़ में भी उनका दम घुटने लगता है। वे न सिर्फ भीड़ में जाने से कतराते हैं बल्कि आगे चलकर सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने से डरते हैं। उनका यह डर एक तरह का फोबिया है जिसे सही परामर्श और चिकित्सा से दूर किया जा सकता है।
कुछ लोग अकेले रहना इतना पसंद करते हैं कि जरा सी भीड़ में भी उनका दम घुटने लगता है। वे न सिर्फ भीड़ में जाने से कतराते हैं बल्कि आगे चलकर सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने से डरते हैं। उनका यह डर एक तरह का फोबिया है जिसे सही परामर्श और चिकित्सा से दूर किया जा सकता है।
जर्म या डस्ट का फोबिया
धूल-मिट्टी और गंदगी से दूरी तो आपको एक सेहतमंद जीवन देती है पर कुछ लोग सफाई के इस कदर आदी हो जाते हैं कि उनके मन में धूल और कीटाणुओं का फोबिया पैदा हो जाता है। यह एक तरह का माइसोफोबिया है। इस दौरान थोड़ी सी धूल होने पर रोगी को घबराहट, सांस लेने में दिक्कत, धड़कन बढ़ना, सीने में दर्द और कंपकंपी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
धूल-मिट्टी और गंदगी से दूरी तो आपको एक सेहतमंद जीवन देती है पर कुछ लोग सफाई के इस कदर आदी हो जाते हैं कि उनके मन में धूल और कीटाणुओं का फोबिया पैदा हो जाता है। यह एक तरह का माइसोफोबिया है। इस दौरान थोड़ी सी धूल होने पर रोगी को घबराहट, सांस लेने में दिक्कत, धड़कन बढ़ना, सीने में दर्द और कंपकंपी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
ऊंचाई का फोबिया
कुछ लोगों को बहुत ऊंची जगह पर जाने से डर लगता है। यह भी एक तरह का एक्रोफोबिया है जिसमें ऊँची जगह पर पहुंचते ही व्यक्ति को पैनिक अटैक आ जाता है। ऐसी स्थिति से अगर उन्हें हटाया नहीं गया तो वे घबराहट में उन्हें बुखार या उल्टियां तक आ सकती हैं। हिचकाक की फिल्म ‘वर्टिगो’ में नायक इसी फोबिया का शिकार था।
कुछ लोगों को बहुत ऊंची जगह पर जाने से डर लगता है। यह भी एक तरह का एक्रोफोबिया है जिसमें ऊँची जगह पर पहुंचते ही व्यक्ति को पैनिक अटैक आ जाता है। ऐसी स्थिति से अगर उन्हें हटाया नहीं गया तो वे घबराहट में उन्हें बुखार या उल्टियां तक आ सकती हैं। हिचकाक की फिल्म ‘वर्टिगो’ में नायक इसी फोबिया का शिकार था।
अंधेरे का फोबिया
क्या आप अंधेरे कमरे में जाने से डरते हैं? यह एक तरह का फोबिया है जो एक तरह की मानसिक समस्या हो सकता है। इसमें व्यक्ति किसी स्थिर वस्तु, अंधेरा या बहुत स्थिर वातावरण में जाने से कतराता है। इस फोबिया का उपचार मनोचिकित्सक कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी से किया जा सकता है।
क्या आप अंधेरे कमरे में जाने से डरते हैं? यह एक तरह का फोबिया है जो एक तरह की मानसिक समस्या हो सकता है। इसमें व्यक्ति किसी स्थिर वस्तु, अंधेरा या बहुत स्थिर वातावरण में जाने से कतराता है। इस फोबिया का उपचार मनोचिकित्सक कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी से किया जा सकता है।