स्पर्धा में शैफाली वर्मा ने सबसे ज्यादा 20 छक्के लगाए। वर्मा ने 155 से ज्यादा स्ट्राइक रेट से 309 रन बनाए हैं। फाइनल मैच देखने पिता परिवार सहित पहुंचे। बोले कि बेटी पर गर्व है। शैफाली फाइनल मैच में भी दिल्ली की टॉप स्कोरर रही।
महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) में रोहतक की छोरी शैफाली वर्मा के आगे विपक्षी गेंदबाज पानी भरती नजर आई। दिल्ली कैपिटल्स की ओर से खेलते हुए शैफाली ने 155 से भी ज्यादा स्ट्राइक रेट से 309 रन बनाए। पूरी प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा 20 छक्के लगाकर सिक्सर किंग बनीं। पिता संजीव वर्मा पूरे परिवार के साथ मैच देखने रविवार को दिल्ली पहुंचे और बेटी का हौसला बढ़ाया।
लीग के पहले सीजन में महिला आईपीएल में खिलाड़ियों की नीलामी में दिल्ली कैपिटल्स ने शैफाली वर्मा को टीम में लेने के लिए दो करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। दूसरे सीजन में भी शैफाली को बरकरार रखा। दूसरे सीजन में अंडर-19 विश्व कप विजेता टीम की कप्तान रही शैफाली ने शानदार प्रदर्शन किया। उसने नौ मैच में तीन बार अर्धशतक बनाया, जबकि फाइनल मैच में अर्धशतक बनाने से मात्र 6 रन से चूक गई।
शैफाली ने लगाए तीन अर्धशतक, चौथे से चूकी
पहला मैच में मुंबई इंडियंस के खिलाफ 8 गेंदों पर एक रन, दूसरे मैच में यूपी वॉरियर्स के खिलाफ 43 गेंदों पर 64 रन, तीसरे मैच में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ 31 गेंदों पर 50 रन, चौथे मैच में गुजरात जायन्ट्स के खिलाफ 9 गेंद पर 13 रन, पांचवें मैच में मुंबई इंडियंस के खिलाफ 12 केंद्र पर 28 रन, छठे मैच में यूपी वॉरियर्स के खिलाफ 12 गेंद पर 15 रन, सातवें मैच में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ 18 गेंद पर 23 रन, आठवें मैच में गुजरात जायन्ट्स के खिलाफ 37 गेंद पर 71 रन और फाइनल मुकाबले में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर 23 गेंद पर 44 रन बनाए।
सचिन का रिकाॅर्ड तोड़ा था शैफाली ने
शैफाली वर्मा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अर्द्धशतक जड़ने वाली भारत की सबसे युवा खिलाड़ी हैं। उन्होंने सचिन तेंदुलकर का 30 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। शैफाली ने यह उपलब्धि 15 साल और 285 दिन की उम्र में हासिल की थी। इस तरह उन्होंने दिग्गज क्रिकेटर तेंदुलकर को पीछे छोड़ा, जिन्होंने अपना पहला टेस्ट अर्द्धशतक 16 साल और 214 दिन की उम्र में बनाया था। रोहतक की इस युवा खिलाड़ी ने सूरत में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने करिअर के दूसरे टी-20 मैच में 46 रन की पारी खेली थी।
पिता के साथ खेलकर ही बड़ी हुई शैफाली
शैफाली के पिता संजीव वर्मा भी क्रिकेट खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने घरेलू क्रिकेट खेला है। अपने क्रिकेट अनुभव को बेटी से साझा करते हुए उसे बेहतर खेलने के लिए प्रेरित किया। उसने क्रिकेट एकेडमी में लड़कों के साथ खेल का अभ्यास किया। खेल के लिए भी उसने अपने बाल भी लड़कों की तरह कटवाए।
संजीव वर्मा बताते हैं कि शैफाली ने आठ वर्ष की आयु में शहर के झज्जर रोड स्थित हरियाणा क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से चलाए जा रहे रामनारायण क्रिकेट क्लब से खेलने की शुरुआत की। आईपीएल के दूसरे सीजन में शैफाली ने अच्छा प्रदर्शन किया है। वह खुद दूसरी बार दिल्ली में रविवार को फाइनल मैच देखने गए।
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