एक महीने में खत्म हो जाता है वायरस का असर
इटली के वैज्ञानिकों ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीज को वायरस को दूर करने में कम से कम एक महीना लगता है. इसलिए पॉजिटिव आने के एक महीने बाद ही दोबारा टेस्ट कराना चाहिए. उन्होंने बताया कि पांच निगेटिव टेस्ट रिजल्ट में एक गलत होता है. इटली के मोडेना एंड रेजियो एमिलिया यूनिवर्सिटी के डॉ. फ्रांसिस्को वेंतुरेली और उनके साथियों ने 1162 मरीजों पर अध्ययन किया है.
इसमें कोरोना मरीजों की दूसरी बार टेस्टिंग 15 दिन बाद, तीसरी बार 14 दिन बाद और चौथी बार नौ दिन बाद की गई. इसमें पता चला कि पहले जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई वे फिर से पॉजिटिव पाए गए. औसतन पांच लोगों के निगेटिव टेस्ट में एक का रिजल्ट गलत था. अध्ययन के मुताबिक 50 साल तक के लोगों को 35 दिन और 80 साल से ज्यादा की उम्र वालों को ठीक होने में 38 दिन लगते हैं.
नेपाल में कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू
उधर नेपाल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि राजधानी काठमांडू समेत 12 जिलों मे कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो गया है. इन 12 जिलों में 73% एक्टिव केस हैं. ये जिले मोरांग, सुनसरी, धनुसा, महोतरी, परसा, बारा, रौतहत, सरलही, काठमांडू, ललितपुर, चितव और रूपनदेहि हैं. ये सभी हॉटस्पाट बन चुके हैं. नेपाल में अब तक 40 हजार 529 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 239 लोगों की मौत हो चुकी है.