लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शहरों जैसी सुविधाएं गांवों तक देने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है. कुछ समय पहले राज्य के नगर निगमों, नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों के आकार में बदलाव किया गया. सूबे के अधिकांश जिलों के नए सिरे से हुए परिसीमन में ये बदलाव देने को मिला है. अब इसी क्रम में योगी सरकार 1 लाख से अधिक आबादी वाले सभी कस्बों और 20 हज़ार से अधिक आबादी वाली ग्राम पंचायतों में शहरी सुविधाएं देने जा रही है.
सरकार की तैयारी के अनुसार 1 लाख से अधिक आबादी वाले कस्बों व नगर पंचायतों को नगर पालिका परिषद का दर्जा मिलेगा. वहीं 20 हज़ार की आबादी वाली ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत का दर्जा दिया जाएगा. नगर विकास विभाग को 31 दिसंबर तक इसके लिए मोहलत दी गई है. जनगणना के बाद ये प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इसके बाद नए निकायों का गठन और सीमा विस्तार का काम रोक दिया जाएगा.
मंशा: बेहतर नागरिक सुविधाएं लोगों को मिल सकेंगी-
दरअसल सरकार प्रदेश की ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण आबादी तक शहरों जैसी बेहतर नागरिक सुविधाएं देना चाहती है. सरकार का मानना है कि इस कदम से नागरिकों को चौतरफा विकास का लाभ सीधे मिल सकेगा. इसका असर कस्बे के व्यापारियों, महिलाओं और तमाम लोगों पर देखने को मिलेगा. दरअसल नगर विकास विभाग ने सीमा विस्तार और नए निकायों के गठन का काम शुरू किया था, लेकिन जनगणना की तैयारियों के चलते इसे रोक दिया गया. जनगणना का काम 31 दिसंबर तक नहीं होना है. अब नगर विकास विभाग चाहता है कि नई नगर पंचायतें व नगर पालिका परिषद बनाने का काम किया जाए.
पंचायत चुनाव के बाद जारी होगी अंतिम अधिसूचना-
नगर विकास विभाग से मिली जानकारी अनुसार प्रदेश में पंचायत चुनाव तक इनके चिह्निकरण का काम कर लिया जाएगा. आपत्तियां और सुझाव मांगने और ग्राम पंचायत और क्षेत्र पंचायत चुनाव के बाद इसकी अंतिम अधिसूचना जारी