गंगा वेलफेयर सोसाइटी के कार्यों की जांच के आदेश

लखनऊ। रजिस्ट्रार, फर्म्स, सोसाइटीज़ एवं चिटस ने गोमती नगर विस्तार स्थित गंगा अपार्टमेंट वेलफेयर सोसाइटी के कार्यों की जांच के आदेश दिए हैं। लेकिन सोसाइटी के चुनाव स्वयं के आदेश से स्थगित कर देने से संशय पैदा हो गया है। गंगा निवासियों का कहना है कि पुरानी सोसाइटी रहने से जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती।

रजिस्ट्रार फर्म्स के कार्यालय आदेश संख्या 1807 में डिप्टी रजिस्ट्रार, श्री अवनीश कुमार सिंह के हस्ताक्षर से गंगा सोसाइटी की अध्यक्ष श्रीमती अनामिका चतुर्वेदी को दिनांक 21 जून 2015 को निर्गत पत्र में कहा गया है कि रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा जारी आदेश संख्या 589, दिनांक 02-05-2025 के सम्बंध में जारी आदेश का अनुपालन नहीं करने के कारण श्री विश्व प्रकाश, सीनियर आडीटर, रजिस्ट्रार फर्म्स, सोसाइटीज़ एवं चिट्स, लखनऊ को गंगा सोसाइटी के आडिट हेतु सोसाइटी रजि.अधिनियम 1860 की धारा 24 के अंतर्गत नामित करते हुए निर्देशित किया जाता है कि संस्था से समन्वय स्थापित करते हुए सोसाइटी का आडिट एक माह में सम्पन्न करते हुए आडिट रिपोर्ट की प्रति कार्यालय में प्रस्तुत करें।

अवगत कराना है कि पिछले करीब आठ साल से गंगा में एक ही सोसाइटी बिना चुनाव कराए कार्य कर रही है। आरडब्लूए चुनाव नहीं कराए गए और चुनाव की प्रक्रिया का पालन भी नहीं किया गया और स्वयं बने रहने के लिए गंगा के सभी निवासियों को चुनाव प्रक्रिया में शामिल नहीं कर स्वयंभू तरीके से सोसाइटी को कब्जाए रखा गया। इस सोसाइटी पर मनमाने ढंग से कार्य करने, भ्रष्टाचार तथा वित्तीय अनियमितताओं का भी आरोप लगता रहा है। गंगा अपार्टमेंट में लिफ्ट आदि का हाल बेहद खराब है, मेंटेनेंस नहीं हो रहा है। किसी भी समय अप्रिय घटना हो सकती है। इस सम्बंध में एलडीए और अन्य संबंधित अधिकारियों से शिकायत की जाती रही है। यहां पर यह भी उल्लेखनीय है कि गोमती नगर विस्तार की गंगा अपार्टमेंट वेलफेयर सोसाइटी विस्तार की पहली सोसाइटी थी, पिछले काफी समय से इस सोसाइटी के कार्यो को लेकर निवासियों ने असंतोष व्यक्त किया जिसके परिणाम स्वरूप रजिस्ट्रार ने यह आदेश जारी किए।

उल्लिखित तथ्यों के आलोक में इस ओर भी ध्यान दिलाना आवश्यक है कि सोसाइटी पर काबिज लोगों ने पिछले काफी समय से चुनाव न कराने के लिए रजिस्ट्रार को अनुरोध किया जाता था तो इसी सोसाइटी के लोग आपत्ति पर आपत्ति लगाते रहे ताकि यहां चुनाव ही न हो पाए। रजिस्ट्रार कार्यालय में करीब डेढ वर्ष तक आपत्तियां ही सुनी जाती रहीं। कई राउंड की सुनवाई के बाद कार्यालय आदेश संख्या 1627 (पांच), 1-169995, दनांक 04-06-2025 को जारी किया था जिसके क्रम में 12 जुलाई को सोसाइटी का चुनाव प्रस्तावित था। चुनाव प्रक्रिया शुरु होने से पहले ही बिना किसी पूर्व सूचना के 25 जून को कार्यालय आदेश संख्या 1861 (पांच), 1-169995 द्वारा रजिस्ट्रार ने चुनाव अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दिया। इस आदेश से गंगा निवासियों में भारी आक्रोश है। गंगा निवासियों का कहना है कि रजिस्ट्रार के इस आदेश से संशय पैदा हो रहा है कि गंगा की पूर्व सोसाइटी का भ्रष्टाचार से निजात मिलेगी भी या नहीं।

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