पिछले दिनों यूपी के बुलंदशहर में भाजपा नेताओं के खिलाफ एक स्टैंड लेना एक लेडी पुलिस ऑफिसर को काफी महंगा पड़ गया। भाजपा नेताओं को सबक सिखाने वाली ये पुलिसकर्मी का नाम है ‘श्रेष्ठा ठाकुर’। दरअसल, श्रेष्ठा ठाकुर ने एक हफ्ते पहले स्थानीय भाजपा नेता और अन्य पांच नेताओं को पुलिस कार्यवाही में दखल देने और पुलिस अधिकारी से बदतमीजी करने के आरोप में जेल भेज दिया था।
‘हिंदुस्तान टाइम्स’ की खबरों के मुताबिक, श्रेष्ठा ठाकुर का शनिवार को बुलंदशहर से बहराइच तबादला कर दिया गया है। वहीं, ठाकुर के तबादले के बाद स्थानीय नेता इसे अपना सम्मान मान रहे हैं और इसके साथ ही आला अधिकारियों से महिला अफसर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। बुलंदशहर के भाजपा अध्यक्ष मुकेश भारद्वाज ने कहा कि ठाकुर पर सीएम योगी आदित् नाथ और अन्य नेताओं पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का मामला दर्ज कराया गया है।
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आपको बता दें, श्रेष्ठा ठाकुर बुलंदशहर में बतौर सीओ तैनात थी। कुछ दिनों पहले ठाकुर और उनकी टीम जिले के स्याना क्षेत्र में गाड़ियों की चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने एक भाजपा नेता प्रमोद कुमार की बाइक को रोक कर 200 रुपए का जुर्माना लगा दिया। प्रमोद की पत्नी जिला पंचायत सदस्य है। इसके बाद श्रेष्ठा ठाकुर और प्रमोद कुमार में कहासुनी शुरू हो गई। जिसके बाद प्रमोद ने फोन कर दूसरे नेताओं को भी मौके पर बुला लिया। जिसके बाद इन्होने पुलिस की कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया।
भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप था कि पुलिस अधिकारी ट्रैफिक नियमों के नाम पर रिश्वत लेते हैं। वहीं, सीओ श्रेष्ठा ठाकुर बीजेपी से जुड़े लोगों के खिलाफ ही कार्रवाई करती हैं। कार्यकर्ताओं के इन आरोपों को सीओ श्रेष्ठा ठाकुर ने सिरे से खारिज कर दिया था।
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