स्नातक ऑनर्स डिग्री तीन की जगह अब चार साल पढ़ाई के बाद मिलेगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सोमवार को इसका ऐलान किया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार चार वर्षीय स्नातक प्रोगाम के लिए पाठ्यक्रम और क्रेडिट फ्रेमवर्क तैयार किया गया है। नई व्यवस्था से छात्रों को विदेशी संस्थानों में दाखिले और बाहर जाकर रोजगार के लिए ज्यादा सुविधा होगी। अगर कोई छात्र तीन साल से पहले पढ़ाई छोड़ देता है तो उसे बाहर निकलने के तीन साल के भीतर फिर से शामिल होने की अनुमति दी जाएगी। साथ ही, छात्र को सात साल की निर्धारित अवधि के भीतर अपनी डिग्री पूरी करनी होगी।
कॉमन कोर्स की अनिवार्य पढ़ाई
पहले तीन सेमेस्टर सभी छात्रों को कॉमन और इंट्रोडक्टरी कोर्स की अनिवार्य पढ़ाई करनी होगी। इसमें साइंस, थियेटर, डांस, आर्ट, म्यूजिक, साहित्य आदि विषयों को शामिल किया गया है। कॉमन के 24 क्रेडिट तो इंट्रोडक्टरी के 18 क्रेडिट होंगे।
एक मुख्य विषय का चयन करना होगा
चौथे, पांचवें और छठे सेमेस्टर में एक मुख्य विषय लेना होगा और दो छोटे यानी माइनर सब्जेक्ट का विकल्प मिलेगा। इसमें से माइनर सब्जेक्ट में से एक अनिवार्य वोकेशनल कोर्स होगा। मुख्य विषय 48 क्रेडिट तो माइनर सब्जेक्ट 16-16 क्रेडिट के होंगे।
ऑनर्स और रिसर्च का विकल्प
सातवें और आठवें सेमेस्टर में छात्र को ऑनर्स और शोध का विकल्प मिलेगा। छात्र बहु विषयक रिसर्च कर सकते हैं या फिर अंतिम वर्ष में एकल विषय के साथ डिग्री पूरी कर सकते हैं।
– पहले साल की पढ़ाई से सर्टिफिकेट, दूसरे में डिप्लोमा, तीसरे में डिग्री और चौथे में ऑनर्स डिग्री व रिसर्च डिग्री मिलेगी।
– सात साल के भीतर एंट्री-एग्जिट की सुविधा मिलेगी। चार वर्षीय यूजी डिग्री प्रोग्राम वाले छात्र सीधे पीएचडी के लिए पात्र होंगे।