केस की जांच को लेकर पुलिस की लापरवाही पर अदालत ने फटकार लगाई है. मुख्य विवेचक धनन्जय मिश्रा और तत्कालीन चौकी प्रभारी दलवीर सिंह के बयान भी दर्ज नहीं हुए. दरअसल तत्कालीन चौकी इंचार्ज ने सील किए माल को कोर्ट में पेश नहीं किया. कोर्ट ने कहा कि यह माल केस के निस्तारण के लिए अहम सबूत होता है. मामले में कोर्ट ने एसएसपी को पत्र लिखने की चेतावनी भी दी. केस की अगली सुनवाई 19 नवंबर को होगी. इसी तारीख पर मुख्य विवेचक के बयान दर्ज होंगे.
दरअसल बुधवार को तत्कालीन चौकी प्रभारी दलवीर सिंह अपने बयान दर्ज कराने कोर्ट पहुंचे. कोर्ट ने जब उनसे घटनास्थल पर सील किए गए माल (छात्रा की चप्पल, बैग, किताबें, बोतल आदि सामान) के बारे में पूछा तो पता चला कि वह इसे लेकर ही नहीं आए हैं. इस पर न्यायाधीश ने नाराजगी जाहिर की और इस संबंध में एसएसपी को पत्र लिखने की चेतावनी दी.
घटना से दहल गया था प्रदेश-
2 जनवरी 2018 टयूशन पढ़कर लौटती 16 वर्षीय छात्रा को कार सवार युवकों ने अगवा कर लिया था. इसके बाद चलती कार में उसके साथ गैंगरेप किया गया, फिर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गई. शव को दादरी क्षेत्र में नहर में फेंक दिया. इस घटना ने यूपी की सियासत में उबाल ला दिया. भारी दबाव के बीच पुलिस ने करीब 10 दिन बाद खुलासा किया और 3 युवकों की संलिप्तता सामने आई. मामले में सिकंदराबाद निवासी आरोपी इजराइल, जुल्फिकार और दिलशाद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.