नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के लिए इन दिनों एक के बाद एक कई मुश्किलों का सामना कर रही है. पहले यूपी उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के हाथों सीएम और डिप्टी सीएम की सीटें गंवाई, अब टीडीपी ने भी एनडीए से रिश्ते तोड़ लिए. इसी सियासी उठापटक के बीच बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह आंध्र प्रदेश को लेकर मंथन में जुटे हैं. बताया जा रहा है कि टीडीपी के फैसले के मद्देनजर वह आंध्र के बीजेपी नेताओं के साथ बैठक करेंगे.
बताया जा रहा है कि इस बैठक में शाह आंध्र में टीडीपी के साथ रिश्ते जारी रखने और उसकी ओर से पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कर सकते हैं. टीडीपी ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है जिसे सोमवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा. कांग्रेस सहित कई दलों ने इसे समर्थन देने का ऐलान किया है. नए हालातों के मद्देनजर शाह की ये बैठक बेहद अहम मानी जा रही है.
सूत्रों के मुताबिक अमित शाह इस बैठक में आंध्र की राजनीतिक हालात की समीक्षा करेंगे साथ ही नए विकल्पों पर भी चर्चा करेंगे. 2019 के लिहाज से आंध्र प्रदेश बीजेपी के लिए बेहद अहम है. यहां लोकसभा की 25 सीटें हैं. यूपी में नए हालातों के मद्देनजर आंध्र की भूमिका बेहद अहम हो जाती है. इस राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव भी होने हैं.
टीडीपी पोलितब्यूरो ने शुक्रवार को एनडीए से अलग होने का ऐलान किया था. इसके दो मंत्री पहले ही एनडीए सरकार से इस्तीफा दे चुके थे. इसी के साथ पार्टी ने संसद में अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भी दिया था. वाईएसआर कांग्रेस पहले ही ऐसा नोटिस दे चुकी थी. दोपहर तक चंद्रबाबू नायडू इसे लेकर विधानसभा में बयान दे चुके थे और शाम तक बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को चिट्ठी लिखी जा चुकी थी. इसमें नायडू ने उन वजहों की गिनाया जिसके चलते पार्टी को एनडीए से अलग होने का फैसला लेना पड़ा.
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