आरबीआई ने कहा है कि इसके लिए बैंक और गैर बैंकिग कंपनियों को यूपीआई का इस्तेमाल करके पोर्टेबिलिटी की सुविधा देनी होगी। यूपीआई को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ने अगस्त 2016 में शुरू किया था।
आपको होगा ये फायदा
इस सुविधा के शुरू हो जाने से सबसे ज्यादा फायदा आम पब्लिक को होगा। 31 दिसंबर के बाद आपको केवल एक ही मोबाइल वॉलेट अपने फोन में रखना होगा। अगर आपके किसी दोस्त या फिर दुकानदार के कोई दूसरा मोबाइल वॉलेट है तो फिर भी वो आसानी से आपके वॉलेट में पैसा ट्रांसफर कर सकेगा। आप अन्य किसी कंपनी के मोबाइल वॉलेट में भी पैसे भेज सकेंगे।
नहीं रखना पड़ेगा हर वॉलेट का क्यूआर कोड
अभी ज्यादातर दुकानदार अपनी शॉप पर हर मोबाइल वॉलेट का क्यूआर कोड लगाकर रखते हैं। लेकिन 31 दिसंबर के बाद उनको ऐसा नहीं करना पड़ेगा। केवल एक कंपनी का क्यूआर कोड देने से ही उनके पास ग्राहक आसानी से पैसा ट्रांसफर कर सकेगा। इसके साथ ही आरबीआई ने सेमी क्लोज वॉलेट के लिए सीमा को 20 हजार रुपये से घटाकर के 10 हजार रुपये कर दिया है।