अमृतसर में स्थित डेरा ब्यास की गद्दी अब जसदीप सिंह गिल संभालेंगे। गिल को बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है। 45 साल के गिल दिल्ली आईआईटी से पढ़े हैं।
डेरा ब्यास के मुखी बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने सोमवार को अपने उत्तराधिकारी का एलान कर दिया है। बाबा ढिल्लों ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में जसदीप सिंह गिल पुत्र सुखदेव सिंह का नाम घोषित किया है।
जसदीप सिंह आज से ही डेरा के मुखी का पद संभाल लेंगे और मिशन का सारा कार्यभार देखेंगे। जसदीप गिल को संगत को गुरु का नाम देने के भी अधिकार दिए गए हैं। इस संबंध में संत बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों की ओर से एक पत्र भी अपने सभी मुख्य सेवकों को जारी कर दिया गया है।
हृदय रोग और कैंसर से पीड़ित हैं बाबा गुरिंदर
पिछले कुछ समय से बाबा गुरिंदर सिंह बीमार चल रहे हैं। वह ह्दय रोग और कैंसर से पीड़ित हैं। इसी के चलते उनको डेरा प्रबंधों को देखने में मुश्किल आ रही थी। इसी के चलते उन्होंने जसदीप सिंह गिल को अपना उत्तराधिकारी बनाया है।
जानें नए डेरा मुखी के बारे में
डेरा ब्यास के नए मुखी जसदीप सिंह गिल 45 साल के हैं। उन्होंने बायोकेमिकल इंजीनियरिंग और बायोटेक्नोलॉजी में स्नातक और मास्टर डिग्री हासिल की है। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से केमिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी जसदीप सिंह दवा कंपनी सिप्ला में काम कर चुके हैं।
साै देशों में हैं डेरा ब्यास के केंद्र
डेरा ब्यास एक बड़ा धार्मिक स्थान है। जिसके सौ के करीब देशों में सेंटर और श्रद्धालु हैं। भारत में अलग अलग शहरों में हजारों की संख्या में डेरे और आश्रम है। डेरा ब्यास का राजनीति पर भी काफी प्रभाव है। पंजाब और देश की राजनीति के साथ साथ अन्य राज्यों की राजनीति को भी डेरा प्रभावित करता है। इसी के चलते देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत अलग अलग नेता समय समय पर डेरा से आर्शीवाद लेने के लिए आते रहते हैं।
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