PM मोदी की दोहरी चाल जिससे बिछ गया चीन पे जाल

नई दिल्ली: जी हाँ, आपने सही पढ़ा PM मोदी  की दोहरी चाल से चीन के पैरो पर रोक लगा दी है| अब अपने पडोसी भाई चीन की बढ़ती ताकत को रोकने के लिए मोदी जी ने अपना दोहरा दांव चल दिया है. सरकार ने देश के पहले ट्रांसशिपमेंट पोर्ट को बनाने की शुरूआत हो चुकी है. इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए भारत सरकार इस पोर्ट के पास 27 हजार करोड़ रुपए की लागत से शिपिंग हब बनाने की भी योजना बना रही है|

PM मोदी की दोहरी चाल जिससे बिछ गया चीन पे जाल

ट्रांसशिपमेंट है PM मोदी की दोहरी चाल

बता दें कि ट्रांसशिपमेंट पोर्ट के न होने के कारण कंटेनर्स को कई जगह घूम के मंजिल तक पहुंचना होता था. इसका एक और लाभ यह होगा कि भारत चीन के दक्षिण एशिया में बढ़ते प्रभाव को भी थोड़ा कम कर पाएगा. इनायम पोर्ट भारतीय कंपनियों के 200 मिलियन डॉलर हर साल बचाएगा. भारत की 7500 किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा दुनिया के प्रमुख शिपिंग रूट में पड़ती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी कारण पोर्ट बनाने में विशेष जोर दे रहे हैं|

इसीलिए सरकार उद्योगपति गौतम अडानी को ‘वायाबिलिटी गैप‘ भरने के लिए 16 बिलियन डॉलर देगी. यह पोर्ट केरल के विहिंगम में बनेगा, विहिंगम प्राचीन प्राकृतिक बंदरगाह के कारण भी जाना जाता है. इस प्रॉजेक्ट की कल्पना आज से 25 साल पहले की गई थी. विहिंगम पोर्ट के 2018 तक बन कर तैयार हो जाने की उम्मीद है. अडानी ग्रुप इसे 1 बिलियन डॉलर में तैयार कर रहा है|

ट्रांसशिपमेंट से मिलेगी कार्गो ट्रैफिक को बढ़त

ये पोर्ट्स फ्रेट को बड़े शिप में शिफ्ट करने के काम भी आएंगे. अभी तक इस तरह की फ्रेट शिफ्ट श्रीलंका, दुबई और सिंगापुर के पोर्ट्स में ही होती है. मोदी सरकार कार्गो ट्रैफिक को 2021 तक दो तिहाई तक बढ़ाना चाहती है.  कुछ ही सालों में भारत कारों समेत कई चीजों का निर्यात शुरू कर देगा|

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com