मुम्बई : इन दिनों ई-कामर्स तथा भुगतान प्लेटफार्म वाली कम्पनी पेटीएम पर चीन का स्वामित्व होने से उसकी बहुत आलोचना हो रही है. इस बारे में प्रतिक्रिया देते हुए पेटीएम के संस्थापक एवं सीईओ विजय शेखर शर्मा ने जोर देकर कहा कि ई-कामर्स तथा भुगतान प्लेटफार्म उतनी ही भारतीय है जितनी मारुति है. हम प्रत्येक रूप में भारतीय हैं.
उल्लेखनीय है कि एक ज़माने में सरकार के नियंत्रण वाली मारुति की बहुलांश हिस्सेदारी फ़िलहाल जापानी कार कंपनी सुजुकी मोटर कार्प के पास है. सुजुकी के पास मारुति की 56.21 प्रतिशत हिस्सेदारी है और यह इसकी एकमात्र प्रवर्तक है.
अपना पक्ष रखते हुए विजय शेखर शर्मा ने कहा कि पेटीएम दुनिया के सामने भारतीय कंपनी के रूप में जाती है और जो भारत का ‘गौरव’ है. हमारे लिए हमारे ग्राहक, देश का कानून और नियामक महत्वपूर्ण हैं.हमें भारत की कहानी का प्रतिनिधित्व करने को लेकर गर्व है.बता दें कि हाल ही में सरकार के नोटबंदी के फैसले की तारीफ करते हुए पेटीएम ने अखबारों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर वाले बड़े-बड़े विज्ञापन छापे तो चर्चा में आ गई.
गौरतलब है कि पेटीएम से भी बड़ी शेयरधारक चीन की अलीबाबा दुनिया की सबसे बड़ी ई-कामर्स कंपनी मानी जाती है.अलीबाबा समूह और उसकी सहयोगी एंट फाइनेंशियल ने पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस में गत वर्ष 68 करोड़ डालर का निवेश किया था. इस तरह देश की सबसे बड़ी मोबाइल वॉलेट आपरेटर में उसकी हिस्सेदारी 40 प्रतिशत से अधिक हो गई है. एक रिपोर्ट के अनुसार चीन की निवेशक पेटीएम में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 70 प्रतिशत करने पर विचार कर रही है.
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