घुंचापाली स्थित चंडी मंदिर कौतूहल का विषय बना हुआ है। यहां रोज शाम श्रद्धालुओं के साथ आधा दर्जन भालू भी माता की आरती में शामिल होने पहुंच रहे हैं।यह सिलसिला पिछले एक महीने से अनवरत जारी है। भालुओं में चार शावक (भालू के बच्चे) भी हैं। इन भालुओं ने अभी तक किसी श्रद्धालु को कोई क्षति तो नहीं पहुंचाई है, लेकिन माता के प्रति लोगों में धार्मिक आस्था को बढ़ाने का काम जरूर किया है।
प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही होती है वापसी :
शाम छह बजे पहाड़ी से उतरने के बाद ये भालू मंदिर परिसर में ही रहते हैं। आरती के समय दोनों हाथ जोड़कर खड़े होते हैं। यह बात और है कि वे सब एक जगह खड़े होने की बजाय बिखरे हुए होते हैं। जब तक आरती शुरू नहीं होती, तब तक मंदिर परिसर में यहां-वहां बैठकर वे इंतजार करते हैं। आरती के बाद ये सब माता की नौ परिक्रमा करते हैं । इसके बाद प्रसाद ग्रहण कर सभी वापस पहाड़ी की ओर चले जाते हैं ।