लखनऊ. NTPC हादसे में मृतकों की संख्या अब 32 हो गई है। एनटीपीसी ने इसकी पुष्टि की है। वहीं, एनटीपीसी हादसे में घायल मरीजों से मिलने के लिए कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या लखनऊ के सिविल हॉस्पिटल पहुंचे। इस दौरान स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा- “केन्द्र और राज्य सरकार घायलों के इलाज के लिए हर संभव मदद कर रही है।”

सरकार की मंशा साफ है: स्वामी प्रसाद मौर्या
-“NTPC के बॉयलर में ब्लास्ट मौके पर मौजूद अधिकारियों की लापरवाही से हुई है। सरकार की मंशा साफ है। सुरक्षा में लापरवाही जरूर कहीं न कही से हुई है। सरकार इसकी जवाबदेही भी तय करेगी। मामले की जांच के लिए पहले ही आदेश दिए जा चुके है। इस हादसे के लिए जो भी दोषी होगा। उसे सरकार हरगिज बख्शने वाली नहीं है।”
NTPC एजीएम की इलाज के दौरान मौत
– लखनऊ के सिप्स हॉस्पिटल में घायल एनटीपीसी के तीन एजीएम मिश्री लाला, प्रभात कुमार, संजीव शर्मा को एडमिट कराया गया था। इनमें से एजीएम मिश्री लाला, प्रभात कुमार को गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में एयर एम्बुलेंस से ले जाया गया। वहीं, इलाज के दौरान दिल का दौरा पड़ने से एजीएम संजीव शर्मा की लखनऊ में मौत हो गई।
NHRC ने मांगी है रिपोर्ट
– नेशनल ह्यूमन राइट कमीशन ने यूपी सरकार से इस हादसे पर 6 हफ्ते के भीतर रिपोर्ट मांगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजन को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपए मुआवजा देने का एलान किया।
NTPC भी देगा मुआवजा
– मृतकों के परिजनों को 20 लाख, गंभीर रूप से घायल को 10 लाख और घायलों को 2 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। एनटीपीसी की तरफ से काम के दौरान मिलने वाला 8 लाख का मुआवजा भी मिलेगा। एक्सपर्ट कमेटी हादसे की जांच करेगी।’
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