नई दिल्ली: खेतों में फसलों के अवशेष यानी पराली जलाने से होने वाले वायु-प्रदूषण से बचाव को लेकर एक अच्छी खबर है कि नेशनल थर्मल पॉवर कारपोरेशन (एनटीपीसी) अब पराली का इस्तेमाल अपने संयंत्र में करेगा. देश में सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) ने दादरी स्थित अपने संयंत्र के लिए रोजाना 1,000 टन कृषि अवशेषों की खरीद के लिए निविदा आमंत्रित की है.
कंपनी के एक प्रवक्ता ने बताया, बायोमास आधारित पैलेट्स की टेस्ट फायरिंग के आरंभिक चरण पूरे होने पर एनटीपीसी ने प्रति दिन 1000 मीट्रिक टन कृषि अवशेष आधारित ईंधन यानी बायोमास (500 मीट्रिक टन प्रतिदिन कृषि अवशेष पैलेट्स और 500 मीट्रिक टन प्रतिदिन टॉरेफाइड कृषि अवशेष पैलेटस या ब्रिकेट्स) की खरीद के लिए निविदा आमंत्रित की है.
पिछले दिनों उत्तर भारत में पराली जलाने से दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु प्रदृषण की स्थिति गहराने पर राष्ट्रीय हरित अभिकरण ने एनटीपीसी से फसलों के अवशेष का उपयोग कर बिजली पैदा करने के विकल्प पर विचार करने को कहा था. एनटीपीसी ने उसी समय दादरी संयंत्र में पराली का इस्तेमाल करने की बात कही थी. एनटीपीसी की विज्ञप्ति के अनुसार निविदा दो वर्षों के लिए मंगाई गई है जिसमें रोजाना 1000 टन पराली खरीदी जाएगी. इसमें पैलेट्स की कैपिंग कीमत 5500 रुपये टन तय की गई है और ब्रिकेट्स यह कीमत 6,600 रुपये प्रति टन निर्धारित की गई है.