पटना। बिहार की नीतीश कुमार सरकार में शिक्षा मंत्री बनाए गए डॉ. मेवालाल चौधरी को भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से इस्तीफा देना पड़ा। उनकी जगह पर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चौधरी को राज्य के शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। राजद प्रमुख तेजस्वी यादव ने अब उन्हें भी निशाने पर लिया है।
दरअसल चौधरी पर आरोप सीधे नहीं लगे हैं, बल्कि उनकी पत्नी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से उन पर हमला किया जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया के जरिए चौधरी पर निशाना साधा है। तेजस्वी ने उनकी राजनीतिक शुचिता के दावे पर सवाल उठाया है।
तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा, ‘साहित्यिक चोरी के दोषी मुख्यमंत्री नीतीश जी के मुकुटमणि, जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष और मंत्री श्री अशोक चौधरी की पत्नी पर बैंक से करोड़ों की धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप है, सीबीआई जांच कर रही है, कोर्ट में केस है। इनकी निष्कपटता देखिए, कहते हैं बीवी का भ्रष्टाचार नॉट ए बिग डील (कोई बड़ी बात नहीं है)।’
बरी करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया
बता दें कि अशोक चौधरी की पत्नी पर बैंक से धोखाधड़ी का एक मामला चल रहा है। इसकी जांच सीबीआई कर रही है। भ्रष्टाचार के इस मामले में जांच एजेंसी ने उनके नाम को चार्जशीट में शामिल किया था। इसके बाद चौधरी की पत्नी हाईकोर्ट गईं, जहां से उन्हें बरी कर दिया गया। हालांकि सीबीआई इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट गई है जहां उच्च न्यायालय के आदेश को निरस्त कर दिया गया है। वर्तमान में मामला अंडर ट्रायल है।
तेजस्वी पर भ्रष्टाचार के आरोप, नेता विपक्ष नहीं बनना चाहिए: जेडीयू
वहीं जेडीयू ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव को नेता विपक्ष नहीं बनना चाहिए क्योंकि भ्रष्टाचार और अपराध के कई मामलों में उनका नाम शामिल है। जदयू का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब पार्टी के नेता मेवालाल चौधरी ने भ्रष्टाचार के मामले की वजह से राज्य के शिक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है।
शनिवार को संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जदयू की राज्य इकाई के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, कार्यवाहक अध्यक्ष अशोक चौधरी और प्रवक्ता संजय सिंह, नीरज कुमार और अजय आलोक ने शिक्षा मंत्री के रूप में मेवा लाल चौधरी की नियुक्ति को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधने के लिए यादव की आलोचना की।