नई दिल्ली। पश्चिमी दिल्ली के द्वारका में इंडियन ऑयल की अंडरग्राउंड जा रही पाइपलाइन में जोरदार धमाके के बाद 150 फुट लंबी सुरंग मिलने को लेकर नया राज सामने आया है। पता चला है कि द्वारका नार्थ थाना क्षेत्र में इंडियन ऑयल की पाइप लाइन में धमाका होने के कारण आरोपी अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाए।
जानकारी मिली है कि आरोपियों ने पाइप लाइन में छेद कर ड्रम में लगाया था, लेकिन उसमें तेल जाने से पहले ही धमाका हो गया। बृहस्पतिवार को क्षतिग्रस्त पाइपलाइन की मरम्मत का कार्य जारी रहा। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पूछताछ में आरोपी जुबैद ने बताया कि सुरंग बनाने का कार्य तीन माह से चल रहा था। पाइपलाइन को पूरी तरह दुरुस्त होने में कुछ समय लग सकता है।
इंडियन ऑयल के अधिकारी न सिर्फ क्षतिग्रस्त हिस्से, बल्कि आसपास के इलाके का भी मुआयना कर रहे हैं, ताकि पाइपलाइन में इस तरह की सेंध दोबारा न लगाई जा सके। पुलिस अब इस मामले में जुबैद के तीन साथियों की तलाश में जुटी है। इंडियन ऑयल के अधिकारी ने बताया कि कंप्यूटरीकृत निगरानी तंत्र के माध्यम से दो-तीन दिन से कम दबाव की शिकायत मिल रही थी। इसके बाद कर्मचारियों के दल ने घटनास्थल के आसपास का दौरा भी किया, लेकिन वे उस जगह तक नहीं पहुंच पाए जहां सुरंग खोदी गई थी।
दो-तीन दिन से कम दबाव मिलने से प्रतीत हो रहा है कि अभी तेल निकालने का कार्य पूरी तरह शुरू नहीं हुआ था। जांच से जुड़े पुलिस अधिकारी का भी कहना है कि अभी तक यहां से तेल निकालना पूरी तरह शुरू नहीं हुआ था। मंगलवार को उन्हें इस कार्य में सफलता मिलती नजर आई। तेल के लिए उन्होंने तीन ड्रम का भी इंतजाम किया।
घटनास्थल के पास ही रहने वाले एक शख्स ने कहा कि जिस जगह धमाका हुआ है उस जगह तेल निकालने के अंदेशे के बारे में उन्होंने कुछ वर्ष पूर्व इंडियन ऑयल के कंट्रोल रूम को फोन कर बताया था। तब अधिकारियों का एक दल यहां आया भी था। तब यहां गड्ढा भी खोदा गया था। बाद में इस गड्ढे को भरा गया था।
दिन-रात हो रही गश्त, फिर भी बन गई सुरंग
इंडियन ऑयल की ओर से पाइपलाइन की सुरक्षा के लिए दिन-रात गश्त की व्यवस्था है। एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा गार्ड की एक टीम बाकायदा हथियार के साथ पाइपलाइन की सुरक्षा के लिए दिन-रात तैनात रहती है।
कंट्रोल रूम या कंप्यूटरीकृत प्रणाली के माध्यम से जब कोई शिकायत मिलती है तो फौरन टीम वहां पहुंचती है, लेकिन पाइपलाइन के आसपास सुरंग बनने के बावजूद इसकी भनक तक नहीं लगना बड़ा सवाल है।
नीचे तेल की पाइप लाइन, ऊपर हो रही वाहनों की मरम्मत
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) अपनी जमीन पर हो रहे अतिक्रमण को न तो खाली करा पा रहा है और न ही अतिक्रमण को रोकने की कोशिश कर रहा है। विशेषकर, उन जगहों पर भी वाहनों की मरम्मत व खरीद बिक्री का धंधा चल रहा है जहां नीचे जमीन से तेल की पाइप लाइन जा रही है। द्वारका मोड़ से लेकर एनएसआइटी चौक के बीच एक किलोमीटर के दायरे में इस जमीन पर किसी तरह के कार्य करने से मनाही है, फिर भी कोई मानने को तैयार नहीं है।
जानकारों का कहना है कि जहां से पाइप लाइन जा रही है वहां पर किसी तरह से अत्यधिक दबाव पड़ा तो यह तेल की लाइनें क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। इससे किसी तरह की दुर्घटना से भी इन्कार नहीं किया जा रहा है। द्वारका के जिस इलाके से तेल की पाइप लाइन आगे जा रही है वह डीडीए का है। द्वारका मोड़ से सुभाष प्रौद्योगिकी संस्थान के ठीक विपरीत दिशा में सूरज विहार, पटेल गार्डन और सुलहकुल विहार कॉलोनी बसी हुई है। इनके सामने से सर्विस लेन आ रही है।
इसी हिस्से में सर्विस लेन और कॉलोनी के बीच की जगह कच्ची है। इसी के नीचे से तेल की पाइप लाइन बिछाई गई है। इस कॉलोनी में उन्होंने इस ओर दुकानें खोल दी है। यहां पर एक कतार से गाड़ियां खड़ी की जाती हैं। सर्विस लेन के किनारे खरीद-बिक्री के साथ यहां पर भारी-भरकम वाहनों की मरम्मत भी की जाती है।
चूंकि, इसके ऊपर किसी तरह की गतिविधि की मनाही है, इसलिए यहां पर हरी घास भी नहीं लगाई गई। इसलिए दुकानदारों ने इस जमीन पर भी अतिक्रमण कर लिया है। डीडीए की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। ऐसे में यहां पर काम करने वाले दुकानदार रोज अपना दायरा बढ़ाते जा रहे हैं। अगर इन दुकानदारों की गतिविधियों पर विराम नहीं लगाया तो कभी भी कोई हादसा हो सकता है।