उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) भारतीय भाषाओं के प्रोत्साहन के क्रम में अब बड़ा कदम उठा रही है।
सरकारी प्रेस नोट संस्कृत में जारी करने के साथ ही अब प्रदेश सरकार हिंदी भाषा में मेडिकल तथा इंजीनियरिंग की पढ़ाई कराएगी। प्रदेश सरकार ने इसकी तैयारी काफी पहले से कर ली थी। मेडिकल तथा इंजीनियरिंग की किताबों का हिंदी में ट्रासलेशन का काम पूरा होने के बाद अब इसको लागू भी किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश के बाद उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य होगा, जहां पर मेडिकल तथा इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी भाषा में होगी। प्रदेश में झांसी के कमिशनर तथा महोबा में जिलाधिकारी अपने फैसले भी संस्कृत में लिखा चुके हैं। देश में अभी तक मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई अंग्रेजी में ही होती रही है। अब इनको पुस्तकें हिंदी में उपलब्ध होंगी, छात्र या छात्राएं इसे पढऩे के लिए तैयार होंगे।
छात्र-छात्राओं को बड़ा तोहफा
योगी आदित्यनाथ सरकार अंग्रेजी भाषा में कुछ कमजोर मेडिकल तथा इंजीनियरिंग के छात्र-छात्राओं को बड़ा तोहफा देने जा रही है। उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में मेडिकल कालेज संचालित करने में लगी प्रदेश सरकार ने आधा से अधिक लक्ष्य प्राप्त भी कर लिया है, जबकि एक दर्जन से अधिक में निर्माण कार्य जारी है। अब सरकार ने मेडिकल तथा इंजीनियरिंग के छात्र व छात्राओं को हिंदी भाषा में पठन-पाठन की व्यवस्था की है।
भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने की दिशा में कई बड़े कदम
उत्तर प्रदेश सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रदेश में हर स्तर पर पूरी तरह से लागू करने के अभियान में लगी है। इसी क्रम में योगी आदित्यनाथ सरकार भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने की दिशा में कई बड़े कदम उठा रही है। सूबे में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी भाषा में भी होगी। सरकार ने कई अच्छे प्रकाशकों की पुस्तकों का अनुवाद का कार्य भी पूरा कराया है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति
नरेन्द्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत भारतीय भाषाओं में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई का फैसला किया है। इसके लिए तीन पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद कराया गया है, जिसका विमोचन गृह मंत्री अमित शाह ने आज भोपाल में किया है। अब बारी उत्तर प्रदेश की है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश पहला राज्य है जहां यह व्यवस्था लागू की गई है। अब इस लिस्ट में उत्तर प्रदेश भी शामिल हो गया है।