नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में एक बार फिर से बड़ा हादसा हो गया। यहां आयुध निर्माणी खमरिया में गोला बारूद से भरे बोगी में आ लग गई, ordnance factory में स्मोक बम के ब्लास्ट होने से हर तरफ धुआं ही धुआं छा गया।
दरअसल, स्मोक बम के ब्लास्ट होने के बाद थोड़ी ही देर में वैगन के भीतरी हिस्से में आग पकड़ ली। यह घटना उस वक्त और विकराल रुप ले लेती अगर इस आग की लपटें चंद कदम की दूरी पर खड़े RCL बमों से लोड तीन अन्य वैगन तक पहुंचती। इस हादसे में करीब 12 से 14 हजार बम पूरी तरह से बर्बाद हो गए। हालांकि आग पर काबू पा लिया गया है।
बता दें कि बमों के ट्रांसपोर्टिंग के लिए उच्च स्तर की सावधानी रखी जाती है। पहले एक बॉक्स में 6 बम फिक्स किए जाते हैं। इसके लिए 84 बॉक्सों का एक लॉट बनता है, जिसमें कुल 1004 बम रहते हैं। इस तरह से एक बोगी में अधिकतम 15 लॉट लोड किए जाते हैं।
स्मोक बम का इस्तेमाल धुआं उत्पन्न करने के लिए किया जाता है। भारतीय सेना के अलावा अर्धसैनिक बलों में भी स्मोक बमों की खासी डिमांड है। कई बार दुश्मन, उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए इस तरह के बमों का इस्तेमाल किया जाता है। किसी बिल्डिंग, सुरंग से संदिग्धों को बाहर निकालने में भी इन्हीं बमों का उपयोग कारगर होता है।