उत्तर प्रदेश के उन्नाव के बांगरमऊ से बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर पर लगा बलात्कार का आरोप और पीड़िता के पिता की जेल में संदिग्ध हालात में हुई मौत से योगी सरकार कठघरे में है. इसके बावजूद सेंगर की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. सरकार की चारों ओर से किरकिरी हो रही है. सवाल उठ रहे हैं कि सेंगर की गिरफ्तारी न होने के पीछे कहीं विधान परिषद चुनाव का सियासी गणित तो नहीं है?
26 अप्रैल को MLC चुनाव
उत्तर प्रदेश की 13 विधान परिषद सीटों के लिए 26 अप्रैल को चुनाव होने हैं. सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से 13 से ज्यादा उम्मीदवार उतरते हैं तो चुनाव होना तय है. मौजूदा विधायकों के सहारे बीजेपी 11 उम्मीदवार उतार सकती है. माना जा रहा है कि विपक्ष साझेतौर पर तीन उम्मीदवार उतार सकता है. राज्यसभा चुनाव में जीत के बाद बीजेपी विधान परिषद में भी अपने सभी उम्मीदवारों को जिताने की कोशिश करेगी. ऐसे में एक-एक विधायक के वोट काफी महत्वपूर्ण होंगे.
सेंगर जेल जाते हैं तो बाहर आना मुश्किल
गैंगरेप के आरोप में बीजेपी विधायक की गिरफ्तारी होती हैं तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा. सेंगर जेल जाते हैं तो जल्द जमानत मिलना मुश्किल हो जाएगा. इतना ही नहीं गैंगरेप के साथ-साथ पीड़िता के पिता की जेल में संदिग्ध हालात में हुई मौत के मामले में भी उनपर आरोप लगाए जा रहे हैं. ऐसे में उनका जेल से जल्द बाहर आना आसान नहीं होगा.
जेल में रहते हुए दो विधायक नहीं डाल सके थे वोट
सेंगर का जेल में रहते हुए विधान परिषद के चुनाव में वोट डालना खटाई में पड़ सकता है. दरअसल राज्यसभा चुनाव में जेल में बंद होने के चलते विपक्ष के दो विधायक वोट नहीं डाल सके थे. इनमें बसपा के विधायक मुख्तार अंसारी और सपा के विधायक हरिओम यादव शामिल थे. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इसी के चलते कुलदीप सेंगर की गिरफ्तारी नहीं की जा रही है. जबकि इसी मामले में विधायक के भाई और उनके साथियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.
सेंगर को बचाने का विपक्ष लगा रहा आरोप
योगी सरकार ने उन्नाव मामले में जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है. एसआईटी शुरुआती रिपोर्ट तो आज दे देगा, लेकिन फाइनल रिपोर्ट के लिए समय लग सकता है. आजतक के कार्यक्रम में सपा की प्रवक्ता जूही सिंह ने योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आरोपी को सरकार बचाने में जुटी है. विधान परिषद चुनाव की वजह से सरकार अपने विधायक को बचाने में जुटी है. हालांकि कार्यक्रम में मौजूद बीजेपी प्रवक्ता अनिला सिंह ने इसका खंडन किया और कहा कि जांच के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी.