नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में सबसे ज्यादा 17 विकेट लेने चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव का मानना है कि अगर अच्छी गेंदबाजी की जाए तो बल्लेबाज को रिसर्च का फायदा नहीं मिलता। कुलदीप और युजवेंद्र चहल की जोड़ी किसी भी द्विपक्षीय सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली भारतीय स्पिन जोड़ी बनी थी।
सवाल: दक्षिण अफ्रीकी पिचों पर चहल के साथ सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली जोड़ी बनना कितना मुश्किल काम था?
जवाब: हम दोनों की योजना बहुत अच्छी थी। हम काफी दिनों से एक-दूसरे को जानते हैं इसलिए हमारे बीच अच्छी बांडिंग है। हम मैच से पहले और मैच के दौरान आपस में बात करते रहते हैं। अगर वह पहले गेंदबाजी करता है तो मुझे बताता है कि कैसा विकेट है और अगर मैं पहले गेंद फेंकता हूं तो उसको राय देता हूं। इसका हमें बहुत फायदा मिला। हम दोनों वनडे में बीच के ओवरों में विकेट निकाल रहे थे जिससे दक्षिण अफ्रीकी टीम पर जबरदस्त दबाव बन गया। वनडे में बीच के ओवरों में विकेट निकालना बेहद महत्वपूर्ण होता है।
सवाल: दक्षिण अफ्रीकी पिच पर ऐसा करना कितना मुश्किल था?
जवाब: सच कहूं तो मुझे वहां कोई दिक्कत नहीं हुई बल्कि वहां की पिचें मेरे मुफीद थीं। वहां के विकेट में मुझे शार्प टर्न मिल रहा था और गेंद तेजी से जा रही थी। ऐसी सीरीज युवा क्रिकेटर के लिए बहुत जरूरी होती है और उससे बहुत मदद मिलती है। मेरे करियर के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण सीरीज रही। इससे मुझे बहुत सीखने को मिला।
सवाल: क्या आपकी और चहल की जोड़ी अश्विन-जडेजा की जोड़ी को टक्कर दे रही है?
जवाब: मुझे नहीं लगता कि हमारे बीच कोई प्रतिद्वंद्विता है। अश्विन भाई और जड्डू भाई दुनिया के नंबर-1 और नंबर दो गेंदबाज रहे हैं। वह बहुत सीनियर हैं और उन्होंने देश के लिए काफी कुछ किया है। हमें और चहल को उनसे काफी कुछ सीखना है। हम तो अभी सिर्फ अच्छा प्रदर्शन करने पर फोकस कर रहे हैं। अश्विन और जडेजा जब भी मिलते हैं तो हमें कुछ सीख देते हैं।
सवाल: क्या दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज आप दोनों से डर गए थे?
जवाब: डर तो नहीं गए थे लेकिन शायद दबाव में आ गए थे। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि हमको कैसे खेलें और यह हमारे लिए अच्छा था। हम उन पर हावी थे जिससे हमारा काम आसान हो गया था। अगर वह हमारे ऊपर हावी हो जाते तो दिक्कत हो सकती थी लेकिन हमने उन्हें ऐसा करने का मौका नहीं दिया।
सवाल: कलाई के स्पिनरों को बल्लेबाज पढ़ लेते हैं और कुछ समय बात उन्हें खेलना आसान हो जाता है?
जवाब: मुझे तो ऐसा नहीं लगता है। शेन वार्न और अनिल कुंबले भी लेग स्पिनर थे। उनका करियर काफी लंबा रहा। अगर गेंदबाज में स्किल है और वह क्वालिटी गेंदबाजी करता है तो सामने वाला जितने चाहे वीडियो देख ले, रिसर्च कर ले उसे कोई फायदा नहीं मिलता। क्या ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों या दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों ने हमारे वीडियो नहीं देखे थे? अगर आप छोटी गेंद फेकेंगे तो मार खाएंगे लेकिन आप अच्छी ग्रिप के साथ क्वालिटी गेंदबाजी करेंगे तो चाहे कोई कितने भी वीडियो देख ले आपको मारना आसान नहीं होगा।
सवाल: जब आप दक्षिण अफ्रीका गए तो टीम 1-2 से टेस्ट सीरीज हार चुकी थी। तब टीम के अंदर क्या माहौल था?
जवाब: जब मैं वहां पहुंचा तो तीसरा टेस्ट चल रहा था। हमने तीसरा टेस्ट मैच जीता। मेरे हिसाब से यह भारतीय टीम की सर्वश्रेष्ठ जीत में से एक होगी। हमने उस मैच में जिस तरह का खेल और जुझारूपन दिखाया उससे टीम मजबूत होकर उभरी। हम पिछले कुछ सालों से ऐसी क्रिकेट खेल रहे हैं। यही कारण था कि वनडे सीरीज में हम बढ़े आत्मविश्वास से उतरे और मेजबानों पर भारी पड़े।
सवाल: विराट ने सीरीज जीतने के बाद कुछ कहा?
जवाब: उन्होंने बहुत तारीफ की। सीरीज के बाद नहीं, सीरीज के दौरान भी अच्छे प्रदर्शन पर मेरी तारीफ की। वह बहुत प्रोत्साहित करते हैं, बात करते हैं और युवाओं को प्रमोट करते हैं जो बेहद महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा टीम में माही भाई हैं जिनसे काफी मदद मिलती है। टीम में दो लीजेंड के होने से काफी मदद मिलती है।