टेलीकॉम मार्केट में दखल देने के दो सालों के भीतर भारत के सबसे अमीर कारोबारी ने मोबाइल फोन बाजार को डेटा की खपत करने वाले दुनिया के सबसे बड़े बाजार में तब्दील कर दिया। रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी ने बेहद सधी हुई रणनीति के साथ बेहद भीड़भाड़ वाले टेलीकॉम बाजार में प्रवेश किया। हालांकि इसके लिए उन्हें कंपनी के मुनाफे का एक बड़ा हिस्सा दांव पर लगाना पड़ा।
अंबानी की रिलायंस जियो इन्फोकॉम की शुरुआत शून्य से हुई थी और अब उसके पास 20 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं का बड़ा बेस है और यह सभी 4जी डेटा कंज्यूमर्स हैं। रिलायंस ने जियो की मदद से जिस प्राइस वॉर की शुरुआत की, उसकी वजह से कई छोटी कंपनियों को इस बिजनेस से बाहर होना पड़ा और कुछ कंपनियों को मर्जर का रास्ता चुनने के लिए मजबूर होना पड़ा। तीसरे नंबर पर आने की रिलायंस जियो की जिद ने जहां भारती एयरटेल के मुनाफे पर गहरा चोट किया वहीं आइडिया को वोडाफोन के साथ हाथ मिलाने के लिए मजबूर होना पड़ा। विलय के बाद अब वोडाफोन-आइडिया भारत की सबसे टेलीकॉम कंपनी है।