ISIS के दो आतंकियों ने दिल्ली की अदालत के सामने अपना गुनाह किया स्वीकार

भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के उद्देश्य से विभिन्न सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म के जरिये मुसलमान युवकों को भर्ती करके देश में आतंकवादी संगठन आईएसआईएस का बेस स्थापित करने का आपराधिक षड्यंत्र रचने के मामले में पश्चाताप से भरे दो युवकों ने दिल्ली की एक अदालत में अपना गुनाह स्वीकार कर लिया।

वकील कौसर खान ने कहा कि आरोपी अमजद खान और मोहम्मद अलीम ने विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह के समक्ष सोमवार को अर्जी देकर कहा कि उन पर जिन गतिविधियों को लेकर आरोप लगाए गए हैं, उसका उन्हें पछतावा है और उन्होंने भविष्य में ऐसी गतिविधियों में कभी हिस्सा नहीं लेने की बात कही।

वकील ने अदालत को बताया कि आरोपी समाज की मुख्यधारा में लौटना और अपना पुनर्वास चाहते हैं। अदालत उनकी याचिका पर संभवत: 11 सितंबर को सुनवाई करेगी।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बताया कि इस संबंध में उसने नौ दिसंबर, 2015 को भारतीय दंड संहिता और यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था। एनआईए के अनुसार, आरोपियों ने जुनूद-उल-खिलाफ-फिल-हिन्द संगठन की स्थापना की थी, जिसका लक्ष्य भारत में खलीफा का शासन स्थापित करना और आईएसआईएस के प्रति वफादारी रखना था।

जांच एजेंसी के अनुसार, इनका उद्देश्य मुसलमान युवाओं की भर्ती करना और भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देना था। ये सबकुछ वे लोग सीरिया के यूसुफ-अल-हिन्दी के इशारे पर कर रहे थे, जो आईएसआईएस का कथित तौर पर मीडिया प्रमुख है। एनआईए ने आरोपियों के खिलाफ 2016-17 में आरोप पत्र दाखिल किया था।

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