एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी जियो प्लेटफॉर्म को ग्लोबल टेक कंपनी बनाने की राह पर हैं। अगर कंपनी की रणनीति फिट बैठती है, तो टेक वर्ल्ड में जियो प्लेटफॉर्म की धाक देखने को मिल सकती है और जियो प्लेटफॉर्म लीडिंग टेक कंपनियों जैसे Google, Amazon, Alibaba और Tencent की कतार में खड़ी नजर आएगी।
जियो का प्लस प्वाइंस उसका पहले से ही मौजूद ऐप बेस्ड ईकोसिस्टम है, जहां ऑनलाइन ग्रासरी शॉपिंग लेकर वीडियो कॉलिंग की जा सकती है। मौजूदा वक्त में जियो के पास 388 मिलिनय का बड़ा सब्सक्राइबर बेस है।
इसी के तहत अंबानी ने फेसबुक में 9 बिलियन डॉलर का निवेश किया है, जो भारत में अपने इंटरनेट दबदबे को दर्शाता है। Jio दुनिया में आज के वक्त में सबसे तेज रफ्तार से बढ़ने वाला प्लेटफॉर्म है।
पिचबुक के एक विश्लेषक विली फर्नीहॉफ ने कहा कि निश्चित रूप से अंबानी Jio प्लेटफॉर्म को दूरसंचार कंपनी से कहीं ज्यादा बढ़कर आंक रहे हैं और इसके दम पर वो अगले Google या Tencent बनना चाहते हैं।
मुकेश अंबानी की लीडिरशिप में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने ऑयल एंड एनर्जी कंपनी से लेकर रिटेल शॉप, मोबाइल ब्रॉडबैंड करियर, डिजिटल प्लेटफॉर्म और कई अन्य क्षेत्रों में पैठ बनाई है।
लेकिन अब अंबनी ने अपने प्लान को अलगे लेवल पर ले जाने पर काम रही है। इसके तहत कंपनी ने सिलिकन वैली में निवेश की तरफ कदम बढ़ाया और फेसबुक और व्हाट्सऐप में 5.7 बिलियन डॉलर का निवेश किया है।
पिछले माह इस डील का ऐलान हुआ, तभी से अंबानी के इरादों की झलक दुनिया को लगी। इस डील को अभी रेग्यूलेटरी अप्रूवल के मंजूरी का इंतजार है।
Facebook और अंबानी की डील से एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार किया जा रहा है, जहां मोबाइल बैंकिंग, मैसेजिंग से लेकर सोशल मीडिया समेत टेक से जुड़ी सारी सुविधाएं मिलेंगी।
यह एक तरह के चीनी Tencent प्लेटफॉर्म WeChat की तरह होगा। लेकिन Jio प्लेटफॉर्म पर Tencent से अलग बड़ा और भरोसेमंद कस्टमर बेस होगा। CNN की खबर के मुताबिक मुकेश अंबनी 5G नेटवर्क बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
इसके लिए कंपनी ने टेक वर्ल्ड से जुड़े कई लोगों को अपने साथ जोड़ रही है। फेसबुक इंडिया के मैनेजिंग डॉयरेक्टर और वाइस प्रेसिडेंट अजीत मोहन ने सीएनएस को बताया कि जियो और फेसबुक दोनों कंपनियां मिलकर भारत में छोटे कारोबार के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार करेंगी।
ऑनलाइन ग्रॉसरी शॉपिंग को लेकर अंबनी टारगेट कर रहे हैं। ग्रासरी भारतीय रिटेल मार्केट में 70 फीसदी हिस्सेदारी रखती है। Bernstein के मुताबिक 90 फीसदी मार्केट असंगठित है और इसे छोटे दुकानदार चलाते हैं, जिन्हें भारत में किराना स्टोर के तौर पर जाना जाता है।
भारत की कुल रिटेल मार्केट साइज साल 2018 में करीब 676 बिलियन डॉलर का था, जिसके साल 2025 तक 1.3 ट्रिलियन डॉलर के होने की उम्मीद है।
ऐसे में जियो के लिए बड़ा मौका है, जियो मार्ट पिछले साल लॉन्च किया गया था। ऐसे में जियो के सामने 30 मिलियन छोटी दुकान को साधने की चुनौती होगी। हालांकि इसमें 400 मिलियन
Jio प्लेटफॉर्म में हाल के दिनों में Silver Lake की तरफ से 750 मिलियन डॉलर का निवेश, Vista और General Atlantic की तरफ से 870 मिलियन डॉलर का निवेश हुआ है।
ऐसे में अंबानी ने पिछले चार हफ्तों में 9 बिलियन डॉलर का निवेश हासिल किया। अंबानी का लक्ष्य मार्च 2021 तक जीरो नेट डेब्ट करने का लक्ष्य रखा है।