शराब घोटाले के बाद मनीष सिसोदिया कथित जासूसी कांड में फंस गए हैं। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई ने जासूसी कांड को लेकर एफआईआर दर्ज किया है। दिल्ली सरकार की ‘फीडबैक यूनिट’ में कथित अनियमितताओं को लेकर मनीष सिसोदिया और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार का नया मामला दर्ज किया गया है।
CM केजरीवाल बोले- देश के लिए दुखद!
फीडबैक यूनिट में कथित अनियमितताओं को लेकर मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई की एफआईआर के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। सीएम केजरीवाल ने कहा कि पीएम की योजना मनीष के खिलाफ कई झूठे मामले लगाकर उन्हें लंबे समय तक हिरासत में रखने की है। देश के लिए दुखद!
2015 में फीडबैक यूनिट का हुआ था गठन
बता दें कि अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की मंजूरी से फीडबैक यूनिट का गठन सितंबर 2015 में किया गया था। यूनिट को सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट करने के आदेश थे। तर्क दिया गया था कि सरकारी योजनाओं की मानिटरिंग और भ्रष्टाचार फैलाने वाले अधिकारियों को पकड़ने के लिए यह यूनिट बनाई गई थी।
यूनिट के जरिए नेताओं की जासूसी के आरोप
आरोप है कि इसके माध्यम से नेताओं की कराई गई जासूसी थी। यह भी आरोप है कि एफबीयू में नियुक्तियों के लिए उपराज्यपाल से मंजूरी नहीं ली गई थी। इससे पूर्व उपराज्यपाल रहे नजीब जंग ने उपराज्यपाल की मंजूरी लिए बिना गोपनीय तरीके से फीडबैक यूनिट बनाने के जांच का मामला सीबीआई को सौंपा था और उस समय से सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है।
शराब घोटाले में पहले से जेल में हैं सिसोदिया
बता दें कि दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पहले से ही कथित शराब घोटाले में तिहाड़ जेल में बंद हैं। सिसोदिया को सीबीआई ने दिल्ली के कथित शराब घोटाले के मामले में करीब 8 घंटे की पूछताछ के बाद 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। पूर्व डिप्टी सीएम ने सीबीआई की गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी थी। हालांकि, कोर्ट से राहत न मिलने पर मनीष सिसोदिया ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
खास बात है कि शराब घोटाले में सीबीआई की पूछताछ और गिरफ्तारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी मनीष सिसोदिया से दिल्ली के तिहाड़ जेल में लंबी पूछताछ के बाद 9 मार्च को गिरफ्तारी की थी।