EVM छोड़ बैलेट पेपर पर लौटा ये देश, पार्टियों में नहीं बनी सहमति…

इंडोनेशिया में हाल ही में राष्ट्रपति का चुनाव हुआ है, जिसमें ईवीएम की जगह बैलेट पेपर का इस्तेमाल हुआ है. इंडोनेशिया में भी ईवीएम पर लंबे समय से बहस जारी थी, जिसके बाद सभी दलों में राजनीतिक सहमति नहीं बन सकी थी और वापस बैलेट पेपर पर लौटना तय हुआ.

भारत में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए मतदान हो रहा है. चुनावी महासमर में विपक्ष एक बार फिर ईवीएम का मुद्दा उठा रहा है, कई पार्टियों का आरोप है कि चुनाव में भाजपा ईवीएम का इस्तेमाल कर सकती है. एक तरफ हमारे देश में ईवीएम पर रार है, तो इंडोनेशिया में लंबी बहस के बाद दोबारा बैलेट पेपर पर लौटने का फैसला किया गया है.

इवीएम

इंडोनेशिया में हाल ही में राष्ट्रपति का चुनाव हुआ है, जिसमें ईवीएम की जगह बैलेट पेपर का इस्तेमाल हुआ है. इंडोनेशिया में भी ईवीएम पर लंबे समय से बहस जारी थी, जिसके बाद सभी दलों में राजनीतिक सहमति नहीं बन सकी थी और वापस बैलेट पेपर पर लौटना तय हुआ.

इंडोनेशिया के एंबेसडर सिद्धार्थो सूर्योदीप्रियो ने आजतक से बात करते हुए इस बात की पुष्टि की. इंडोनेशिया दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जहां अमेरिका की तरह ही राष्ट्रपति सिस्टम लागू है.

जोकोवी चल रहे हैं आगे

बता दें कि इंडोनेशिया के वर्तमान राष्ट्रपति जोको ‘जोकोवी’ विदोदो बुधवार को देश में हुए मतदान के बाद गिनती शुरू होने पर राष्ट्रपति बनने की दौड़ में आगे चल रहे हैं. जोकोवी के नाम से लोकप्रिय विदोदो को 55.34 प्रतिशत मत मिले हैं, जबकि सुबिआंतो को 44.67 प्रतिशत मत मिले हैं.

इंडोनेशियाई चुनाव दुनिया के सबसे जटिल चुनावों में से एक है, क्योंकि एक ही दिन में 20,000 पोस्ट के लिए 245,000 उम्मीदवारों में से चुनाव के लिए 800,000 मतदान केंद्रों पर 19 करोड़ से अधिक मतदाताओं को वोट देने के लिए बुलाया गया.

भारत में लगातार होता रहा है विवाद

भारत में भी लगातार ईवीएम को लेकर विवाद होता रहा है. करीब 21 राजनीतिक दल पहले चरण के मतदान के बाद ही चुनाव आयोग के पास शिकायत करने पहुंच गए थे. चुनाव आयोग कई बार कह चुका है कि ईवीएम बिल्कुल ठीक है, उसने कई पार्टियों को चेक करने का चैलेंज भी दिया था. यही कारण है कि इस बार चुनाव आयोग ने ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीनों का भी इस्तेमाल किया है.

भारतीय जनता पार्टी की ओर से लगातार विपक्षी पार्टियों पर आरोप लगाया जाता है कि जब बीजेपी जीतती है तो विपक्ष ईवीएम पर सवाल उठाता है, लेकिन जब बीजेपी हारती है तो वह निष्पक्ष हो जाता है. विपक्षी नेताओं में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, बीएसपी प्रमुख मायावती, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार समेत कई नेता ईवीएम को लेकर सवाल उठाने में शामिल हैं.

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल की ओर से ईवीएम को लेकर एक स्टिंग भी जारी किया गया था.

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