हाथरस। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र के बूलगढ़ी गांव में पीड़ित परिवार की सुरक्षा संभालने अब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल(सीआरपीएफ) की टीम पहुंच गई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की निगरानी में इस केस की जाचं कर रही सीबीआइ की टीम लगातार 23वें दिन गांव में डटी है।
हाथरस में दलित युवती के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म तथा बर्बरता के बाद उसकी मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पीड़ित परिवार की सुरक्षा केंद्रीय बल के हवाले कर दी गई है। दिल्ली से सीआरपीएफ की टीम हाथरस पहुंची हैं।
टीम ने चंदपा थाना जाकर गांव की लोकेशन लेने के बाद सुरक्षा का खाका तैयार कर लिया है। सीआरपीएफ के कमांडेंड मनमोहन सिंह ने हाथरस के एसपी विनीत जायसवाल से भेंट की। कमांडेंट के साथ ही टीम हाथरस पहुंची है। आज ही कमांडेंट गांव में जाकर पीड़ित परिवार की सुरक्षा का खाका खींचेंगे।
इसके साथ ही हाथरस केस की जांच कर रही सीबीआइ की टीम भी बेहद सक्रिय हो गई है। लगातार 23 दिन में गांव में डटी सीबीआइ की टीम ने शनिवार को एक ग्रामीण को पूछताछ के लिए चंदपा थाना बुलाया। उससे करीब डेढ़ घंटा तक पूछताछ की।
इसके बाद सीबीआई की टीम बूलगढ़ी गांव पहुंची। टीम ने यहां पर घटना के मुख्य आरोपित संदीप के घर जाकर परिवार के लोगों से पूछताछ की। सीबीआइ की टीम ने परिवार के हर सदस्य से काफी देर तक अलग-अलग बात की। बूलगढ़ी में 14 सितंबर को क्या हुआ, इस सवाल का जवाब अब सीबीआइ आरोपितों के दोस्तों से पता लगाने की कोशिश कर रही है। इस मामले में पूछताछ शुरू कर दी गई है। नाबालिग आरोपित के दोस्त से दो दिन से पूछताछ चल रही है। सीबीआइ 15 दिनों से इस मामले की जांच में जुटी है।
पीड़ित परिवार के कई बार बदले बयान और नाबालिग बताए जा रहे आरोपित की आयु की गुत्थी सुलझ नहीं पा रही है। नाबालिग आरोपित ने प्राइमरी स्कूल में दो बार प्रवेश लिया था। दोनों के रिकॉर्ड में जन्म तिथि अलग-अलग है। एक रिकॉर्ड के हिसाब से वह नाबालिग है तो दूसरे रिकॉर्ड में दर्ज जन्मतिथि के हिसाब से 20 साल का है। यह गुत्थी नहीं सुलझी तो सीबीआइ आरोपित का मेडिकल भी करा सकती है।