नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बात कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी बात की। सीएम केजरीवाल ने पीएम को राजधानी की स्थिति से अवगत कराने के साथ ही मांग की है कि वह पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण के मामले में हस्तक्षेप करें ताकि प्रदूषण से मुक्ति मिले।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया कि दिल्ली में कोरोना के तीसरे पीक के दौरान 10 नवंबर को 8600 संक्रमित सामने आए। तब से ही धीरे-धीरे संक्रमित मामले और पॉजिटिविटी दर नीचे आ रही है। केजरीवाल ने बताया कि तीसरे पीक में ज्यादा गंभीर स्थिति इसलिए है क्योंकि इसमें प्रदूषण भी एक कारक है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि दिल्ली के पड़ोसी राज्यों से आने वाले पराली के धुएं से होने वाले प्रदूषण के मामले में हस्तक्षेप करें ताकि इस समस्या से निजात मिल सके। केजरीवाल ने जोर दिया कि पूसा इंस्टीट्यूट द्वारा बनाए गए केमिकल के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाए ताकि पराली खाद में बदल जाए और प्रदूषण भी न हो। मुख्यमंत्री ने यह भी आग्रह किया कि केंद्र सरकार के अस्पतालों में 1000 आईसीयू बेड और लगाए जाएं जब तक कि कोरोना की तीसरी लहर का अंत न हो।
पराली के धुएं से हो रहा प्रदूषण, इससे मौत के आंकड़े बढ़ रहे- सत्येंद्र जैन
राजधानी में कोरोना से मौत के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं। इस माह अब तक 1759 लोगों की मौत हो चुकी है। दो दिन से हर एक घंटे में संक्रमण से पांच मरीज जान गंवा रहे हैं। तेजी से बढ़ते इन मामलों पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि पराली के धुएं से होने वाले प्रदूषण के कारण लोगों की सेहत पर काफी असर पड़ रहा है।
इस समय प्रदूषण और कोरोना ने लोगों के स्वास्थ्य पर दोहरा हमला किया। मौतों की संख्या बढ़ने का यह एक बड़ा कारण है। उम्मीद है कि आने वाले 2 से 3 सप्ताह में मामलों में कमी आने लगेगी।
पत्रकारों से बात करते हुए जैन ने कहा, दिल्ली के आसपास के राज्यों में पराली जलने के कारण यहां प्रदूषण बढ़ रहा है। इससे काफी परेशानी हो रही है। सांस लेते समय कई संक्रमित मरीजों के फेफड़ों में यह धुंआ जा रहा है। इससे रोगियों में गंभीर लक्षण उभर रहे हैं। जिसके चलते मौतों की संख्या बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि अन्य मानकों के हिसाब से दिल्ली में संक्रमण से हालात सुधर रहे हैं। अस्पतालों में अभी 7900 बेड खाली हैं। संक्रमण दर भी 15 से घटकर 12 फीसदी हो गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि संक्रमण से बचाव के लिए मास्क पहनना जरूरी है। सख्ती करने के बाद अब अधिकतर लोग मास्क लगा रहे हैं।