गुजरात विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने कांग्रेस सांसद अहमद पटेल पर शुक्रवार को गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पटेल के ISIS से संबंध हैं। उन्होंने कहा कि भरुच के जिस अस्पताल से आईएस के आतंकियों को गिरफ्तार किया है, अहमद पटेल उस अस्पातल के ट्रस्टी हैं।
उन्होंने पटेल से राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने की मांग की। साथ ही कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और खुद पटेल को इस बारे में सफाई देनी चाहिए। बेंगलुरु में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी कहा कि कांग्रेस जवाब दे कि कैसे एक आतंकी इतने लंबे समय तक उस अस्पताल में काम करता रहा।
अहमद पटेल ने इन आरोपों को सिरे खारिज कर दिया है और कहा है कि भाजपा को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने इसे गुजरातियों को बांटने की कोशिश बताया। अस्पताल ने भी कहा कि अहमद पटेल या उनके परिवार का कोई सदस्य ट्रस्टी नहीं है।
अहमद पटेल से पहले कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जिस अस्पताल का अहमद पटेल को ट्रस्टी बताया जा रहा है उससे पटेल पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अस्पताल नियमों के मुताबिक भर्ती की गई थी। बीजेपी आधारहीन आरोप लगाकर अपनी नाकामी छुपा रही है।
गौरतलब है कि बुधवार को एटीएस ने दो संदिग्ध आतंकियों को अरेस्ट किया था। इनमें से एक की पहचान कासिम टिंबरवाला के तौर पर हुई है जो अंकलेश्वर अस्पताल में काम था और दूसरा आतंकी उबैद वकील है।
गौरतलब है कि बुधवार को एटीएस ने दो संदिग्ध आतंकियों को अरेस्ट किया था। इनमें से एक की पहचान कासिम टिंबरवाला के तौर पर हुई है जो अंकलेश्वर अस्पताल में काम था और दूसरा आतंकी उबैद वकील है।
रूपानी ने कहा कि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मुद्दा है। पटेल की ओर से चलाए जा रहे अस्पताल में काम करने वाला आतंकी पकड़ा गया। पटेल हालांकि अस्पताल के ट्रस्टी पद से इस्तीफा दे चुके हैं, लेकिन इसका पूरा काम अब भी वही देख रहे हैं।
अगर आतंकी गिरफ्तार न होते तो बड़ी घटना हो सकती थी, वे यहूदी स्थल पर हमले की साजिश रच रहे थे। आतंकी ने गिरफ्तारी से सिर्फ दो दिन पहले इस्तीफा दिया, इससे शक और गहरा हो जाता है।