मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार की शाम दो दिवसीय प्रवास पर काशी पहुंचे तो सबसे पहले उन्होंने संत धर्म का निर्वहन करते हुए श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर कॉरीडोर (गंगा पाथवे) को लेकर उपजे स्थिति की चिंता की। संतों से अलग-अलग वार्ता करते हुए भरोसा दिलाया कि इस मामले में जनता के बीच जो भी भ्रम की स्थिति बनी है उसे दूर किया जाएगा। स्पष्ट किया कि बनारस का विकास तीर्थ स्थल के तौर पर ही किया जाएगा। इसके मूल स्वरूप के साथ कोई खिलवाड़ नहीं होगा।
सर्किट हाऊस में सीएम ने एक-एक कर संकटमोचन के महंत प्रो. विश्वंभरनाथ मिश्र, सतुआ बाबा आश्रम के पीठाधीश्वर बाबा संतोष दास, गंगा महासभा के स्वामी जितेंद्रानंद, बाबा बालकदास, महंत ईश्वरदास, महंत सर्वेश्वरशरण दास, महंत अवधबिहारी दास, महंत रामलोचन दास, महंत श्रवणदास और पद्मपति शर्मा से मुलाकात की। महंत प्रो. मिश्र ने सीएम से कहा कि काशी को अमेरिकन शब्द हेरिटेज के तौर पर न देखते हुए लिविंग हेरिटेज के नजरिए से देखा जाए।
सरकार गंगा पाथवे की समग्र योजना को लेकर जनता के बीच स्थिति स्पष्ट करे। सीएम ने भरोसा दिलाया कि काशी में किसी मंदिर या विग्रह को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। यदि कहीं कोई विग्रह खंडित हैं तो उन्हें गंगा में शास्त्रीय विधान से विसर्जित किया जाएगा। अन्य जमीन में धंसे या जीर्णशीर्ण मंदिरों को प्रतिष्ठित व सुंदरीकरण किया जाएगा। वार्ता करने पहुंचे लोगों ने बताया कि सीएम ने भरोसा दिलाया है कि काशी की गलियों का भी सुंदरीकरण करते हुए वहां यात्री सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
बीच रास्ते से लौटे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
मुख्यमंत्री ने वार्ता के लिए मंदिर बचाओ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के साथ प्रतिनिधि मंडल को बुलावाया था। पैदल आ रहे इस दल को संख्याबल अधिक होने का हवाला देते हुए पुलिस ने मलदहिया पर रोक दिया। इससे नाराज होकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद लौट गए। उन्हें मनाने की कोशिश देर तक हुई लेकिन बात नहीं बनी। उधर, आंदोलन पक्ष से जुड़े लोगों ने इसे अपमान करार देते हुए आंदोलन जारी रखने की बात कही है।
देखी विकास कार्यों की गति
मुख्यमंत्री ने आधी रात को शहर के विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचकर विकास कार्यों का निरीक्षण किया और कार्य निर्धारित मियाद में पूरा करने का निर्देश दिया। इस क्रम में सीएम ने निर्माणाधीन वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, सीवेज पंपिंग स्टेशन, कैंसर अस्पताल, ईएसआइ अस्पताल का निरीक्षण किया। सीएम के साथ राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार अनिल राजभर और राज्यमंत्री डा. नीलकंठ तिवारी मौजूद रहे।